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कर्नाटक के हासन में हार्ट अटैक से मौतों का सिलसिला: 40 दिनों में 21 की मौत, जांच शुरू सोशल मीडिया पर चर्चा

कर्नाटक के हासन में हार्ट अटैक से मौतों का सिलसिला: 40 दिनों में 21 की मौत, जांच शुरू

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डेस्क :  कर्नाटक के हासन जिले में पिछले 40 दिनों में हार्ट अटैक से 21 लोगों की मौत की खबर ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी है। इनमें से लगभग दो-तिहाई मृतक 45 साल से कम उम्र के थे, जिसमें 19 से 25 साल की उम्र के पांच और 25 से 45 साल की उम्र के आठ लोग शामिल हैं। इस असामान्य और चिंताजनक स्थिति ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को तत्काल कार्रवाई के लिए मजबूर कर दिया है। हासन जिला प्रशासन ने गैर-संचारी रोग (एनसीडी) विशेषज्ञों की एक टीम गठित की है, जो इन मौतों के कारणों की जांच कर रही है।

क्या है पूरा मामला?
कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले एक महीने में हासन जिले में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या ने स्थानीय लोगों और अधिकारियों को हैरान कर दिया है। एक ही दिन, सोमवार को तीन लोगों की हार्ट अटैक से मौत की खबर आई, जिसमें 30 से 55 साल की उम्र के लोग शामिल थे। हाल ही में 22 साल की एक युवती और 52 साल के मंजूनाथ, जो अलूर तालुक के बाविकोप्पलु गांव के निवासी और एक डॉक्टर के ड्राइवर थे, की हार्ट अटैक से मौत ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया।

हासन स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दो वर्षों में जिले में हार्ट अटैक के 507 मामले सामने आए, जिनमें से 190 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से अधिकांश मामले युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोगों से संबंधित हैं, जो सामान्य रूप से हार्ट अटैक के जोखिम से कम प्रभावित माने जाते हैं। इस स्थिति ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को यह सवाल उठाने के लिए मजबूर किया है कि क्या कोई नया या अनदेखा कारक इन मौतों के पीछे है।

प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस चिंताजनक स्थिति को देखते हुए, कर्नाटक सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है। हासन जिला कलेक्टर केएस लताकुमारी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक आपातकालीन बैठक बुलाई और गैर-संचारी रोग विशेषज्ञों की एक जांच समिति का गठन किया। यह समिति हार्ट अटैक के कारणों का गहन अध्ययन करेगी और जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। कर्नाटक के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडु राव ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है। उन्होंने विशेषज्ञों की एक टीम को हासन भेजने और सभी 18 से 21 मौतों (रिपोर्ट्स में मामूली अंतर है) के कारणों की जांच करने का निर्देश दिया है।

मंत्री ने कहा, “हमने स्थिति का प्रारंभिक जायजा लिया और पाया कि एक महीने में लगभग 18 मामले सामने आए। इनमें से कई युवा थे, इसलिए हमें उचित वैज्ञानिक जांच की जरूरत महसूस हुई।” उन्होंने यह भी जांच करने के लिए कहा है कि क्या अन्य जिलों में भी इसी तरह के मामले सामने आ रहे हैं, ताकि यह समझा जा सके कि यह समस्या केवल हासन तक सीमित है या व्यापक स्तर पर मौजूद है।

कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि मौतों के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट्स का इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “ये मौतें कई बीमारियों के कारण हो सकती हैं, और पोस्टमार्टम के बाद ही स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी।

चिकित्सा सुविधाएं और मौजूदा प्रणाली
कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह  जानकारी दी गई है कि हासन जिले में हार्ट अटैक के मरीजों के इलाज के लिए एसटी-एलिवेशन मायोकार्डियल इंफार्क्शन (एसटीईएमआई) योजना लागू है, जिसे तीन साल पहले 68 तालुक अस्पतालों में शुरू किया गया था। हासन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (HIMS), चन्नारायपटना, और होलेनरसीपुर तालुक अस्पताल इस योजना का हिस्सा हैं। इस प्रणाली के तहत, मरीजों की जांच स्थानीय स्तर पर की जाती है, और टेलीमेडिसिन के माध्यम से बेंगलुरु के जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च (JICSR) के विशेषज्ञों से सलाह ली जाती है।

यह प्रणाली उन मरीजों को बचाने में मददगार साबित होती है जो ‘गोल्डन आवर’ (हार्ट अटैक के बाद पहला घंटा) के दौरान अस्पताल पहुंच जाते हैं। आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत अब तक 37,774 मरीजों का इलाज किया जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रणाली को अन्य तालुक अस्पतालों तक विस्तारित करने की मांग भी की है।

क्या हो सकते हैं हार्ट अटैक के कारण?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, हार्ट अटैक आमतौर पर तब होता है जब हृदय में रक्त प्रवाह रुक जाता है, जो अक्सर कोरोनरी आर्टरी रोग के कारण होता है। इस रोग में धमनियों में कोलेस्ट्रॉल का जमाव (प्लाक) रक्त प्रवाह को बाधित करता है। सामान्य लक्षणों में सीने में दर्द, बाहों, गर्दन या पीठ में जकड़न, थकान, चक्कर आना, और असामान्य दिल की धड़कन शामिल हैं।

हालांकि, हासन में युवा आयु वर्ग में हार्ट अटैक की बढ़ती घटनाओं ने कई सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि तनाव, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, धूम्रपान, और आनुवंशिक कारक इसके पीछे हो सकते हैं। कुछ विशेषज्ञ यह भी जांच कर रहे हैं

जनता में दहशत, सरकार की अपील

इन मौतों ने हासन के स्थानीय लोगों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा हो रही है। स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडु राव ने लोगों से घबराने की बजाय सतर्क रहने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य विभाग पूरी तत्परता से काम कर रहा है। हम जल्द ही इसकी तह तक जाएंगे।

 

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