220 गांवों में दो वर्षों से एक भी परिवार को नहीं मिला स्वामित्व स्कीम(Swamitva Yojana) का लाभ:JHARKHAND
स्वामित्व स्कीम(Swamitva Yojana) का लाभ दो सालों में झारखंड के एक भी गांव को नहीं मिला है. पंचायती राज मंत्री (केंद्र) कपिल मोरेश्वर पाटिल ने पिछले दिनों राज्यसभा में बजट सत्र के दौरान यह जानकारी दी थी. इसके मुताबिक 2020-21 में देश भर में स्वामित्व योजना (Survey of Villages and Mapping with Improvised Technology in Village Area ) लॉन्च की गयी थी.
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झारखंड में इसके तहत अब तक 220 गांवों में फ्लाइंग ड्रोन के जरिये सर्वे संबंधी काम किया जा चुका है. पर इनमें से एक भी गांव में प्रॉपर्टी कार्ड नहीं बांटे गये हैं. किसी भी व्यक्ति को यह कार्ड नहीं मिला है. हालांकि इसके विपरीत देश भर में 1,03,644 गांवो में ड्रोन के माध्यम से प्रॉपर्टी के सर्वे संबंधी काम किये गये हैं. 28,072 गांवों में प्रॉपर्टी कार्ड बांटे गये हैं. 36,56,173 ग्रामीणों को प्रॉपर्टी या टाइटल डीड मिल चुकी है
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स्वामित्व स्कीम के तहत अब तक ड्रोन के माध्यम से सर्वे और अन्य काम सबसे अधिक यूपी के गांवों (52,250 गांव) में हुए हैं. वहां 15,940 लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड मिल चुका है. 23,47,243 ग्रामीणों को इसका लाभ मिला है. दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है जहां 16,508 गांवों में सर्वे हो चुका है. 3592 गांवों और 3,85,463 ग्रामीणों को इसका लाभ दिया गया है. तीसरे स्थान पर उत्तराखंड है जहां 7,783 गांवों में सर्वे का काम पूरा हुआ है. 3,004 गांवों में 1,16,000 ग्रामीणों को स्वामित्व स्कीम के तहत कार्ड मिला है.
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इसके बाद हरियाणा है जहां 6462 गांवों में सर्वे का काम हुआ है. 3061 गांवों और 3,80,946 ग्रामीणों को स्वामित्व स्कीम से फायदा मिला है. इसके अलावा कर्नाटक में 2,201 गांवों में सर्वे का काम कर लिया गया है. वहां 836 गांवों के 1,90,048 ग्रामीणों को कार्ड मिला है.
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इनके अलावा एक हजार से अधिक गांवों में ड्रोने से सर्वे वाले राज्यों में आंध्र प्रदेश (1362), राजस्थान (1409) और छत्तीसगढ़ (1458) जैसे ही राज्य हैं. वहीं सिक्किम (1), तमिलनाडु (2), लक्षद्वीप और केरल (4-4), लद्दाख (5), मिजोरम (10), त्रिपुरा (18), पुडुचेरी (19), असम (37), हिमाचल प्रदेश (89) उन राज्यों में से हैं जहां 50 गांवों में भी अब तक सर्वे का काम नहीं हो पाया है.






