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प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा है यह पूजा.

Team Drishti.

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रांची : राजधानी रांची के ऐतिहासिक बड़कागढ़ स्टेट में प्राचीन देवी का घर है. जहां 1880 से दुर्गा पूजा की शुरुआत हुई. ठाकुरानी बाणेश्वरी कुंवर के निवास बड़कागढ़ जगन्नाथपुर में भगवती मां चिंतामणि की पूजा हर दिन तांत्रिक तरीके से की जाती है. देवी का निर्माण में वहीं के निवासी चामू ठाकुर जो पेशे से नाई है, उन्हीं के द्वारा पान पत्ते से बनाया जाता है. और उसकी पूजा,अर्चना की जाती है.

इसके अलावा इस पूरे पद्धिति में मां भगववती डोली में बैठकर देवी घर में आती हैं. इस समारोह में मुस्लिम समाज के लोग मुख्य रूप से शामिल होते हैं, इनका काम पालकी परिचालन के दौरान रास्ते में किसी तरह की मां को कठिनाई ना हो उसका विधि व्यवस्था मुस्लिम परिवार के लोग करते हैं. यानी 1880 से यहां गंगा जमुनी तहजीब भी देखी जाती है. जो अपने में अनूठा संगम बताता है. यही नहीं 1857 के विद्रोह से भी यह पूजा जोड़ी के देखी जाती है. 1857 में जब ठाकुर विश्वनाथ सहदेव को अंग्रेजों द्वारा फांसी देने के बाद ठाकुरानी बाणेश्वरी कुंवर अज्ञातवास में चली गई, और 12 वर्षों के बाद जब वह सबके सामने आई तो उसी समय से उन्होंने पूजा की शुरुआत की हुई जो अपने में ऐतिहासिक है.

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