माँ छिन्नमस्तिका मंदिर (Maa Chinmastike mandir) में कार्तिक अमावस्या पर रात भर खुला रहेगा,देश के कई प्रदेशों से सिद्धि प्राप्ति हेतु पहुंचेंगे तांत्रिक-साधक
Maa Chinmastike mandir
कार्तिक अमावस्या पूजा को में जुटे मंदिर न्यास समिति, छिन्नमस्तिका सहित दर्जनों मंदिरों में अद्भुत सजावट
रजरप्पा स्थित माँ काली मंदिर सहित रंग बिरंगे रंग रोगन कर मंदिरों को चकाचौंध किया गया है की ,विद्युत सज्जा से जगमग हुआ मंदिर प्रक्षेत्र
पीहू कुमारी
रजरप्पा
रजरप्पा में सिद्धपीठ स्थल झारखंड प्रदेश के रामगढ़ जिला में रजरप्पा मंदिर स्थित मां छिन्नमस्तिका दरबार एवं मां मंदिर तंत्र सिद्धि को लेकर कामाख्या मंदिर के बाद रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका देवी सिद्ध पीठ स्थल का स्थान आता है। यही कारण है कि कार्तिक अमावस्या में देशभर से तांत्रिक और साधक जुटेंगे और साधना में लीन होकर मां छिन्नमस्तिका मंदिर रजरप्पा पहुंचते हैं। सालभर में यही वह कार्तिक अमावस्या की रात्रि है, जब मां छिन्नमस्तिका का दरबार भक्तों के लिए रातभर खुला रहता है। देश के प्रसिद्ध सिद्धपीठ स्थल मां छिन्नमस्तिका मंदिर में काली पूजा के मौके पर यहां का दिन जितना सुहाना होता है, रात उतनी ही रहस्यमयी लगती है। रजरप्पा मंदिर क्षेत्र प्रकृति की अनुपम गोद में बसा जहां दामोदर भैरवी का पवित्र संगम है एवं खूबसूरत रात में घने जंगलों, पहाड़ों और कल कल करती नदी की धारा वही दामोदर और भैरवी नदी से आती आवाज दैवीय शक्ति का एहसास कराती है।
मां छिन्नमस्तिका की पावन धरती पर साधना और सिद्धि के लिए दिव्य शक्ति मिलती है।
मंदिर प्रक्षेत्र में रातभर भजन कीर्तन और हवन कुंडों में दहकती आग की लपटें आलौकिक शक्ति देखने को मिलती हैं। कई साधक गुप्त रुप से साधना के लिए जंगलों में लीन रहते हैं। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक अमावस्या को मां छिन्नमस्तिका की पावन धरती पर साधना और सिद्धि के लिए दिव्य शक्ति मिलती है। कार्तिक अमावस्या के रात्रि दक्षिणेश्वर मां काली मंदिर में देश प्रदेश के विभिन्न तांत्रिक पहुंचते हैं और अपनी मनोकामना के लिए यंत्र मंत्र तंत्र एवं सिद्धि की प्राप्ति में विलीन होते हैं यहां सच्चे मन से साधना करने से माता का दिव्य रुप का दर्शन भी आसानी से हो सकता है और यहां साधकों को शक्ति की प्राप्ति त्वरित होती है। यहां कई साधक और तांत्रिक खुले आसमान के नीचे तो कई पहुंचे हुए तांत्रिक श्मशान भूमि और घने जंगलों में गुप्त रूप से तंत्र-मंत्र सिद्धि के लिए साधना करते हैं।
दक्षिणेश्वर काली पूजा में रात भर खुला रहता हैं छिन्नमस्तिका मंदिर
काली पूजा के दिन अमावस्या की रात मंदिर परिसर के 13 हवन कुंडों के अलावे विभिन्न जगहों में मंत्रोच्चारण, हवन, जाप और पाठ के साथ तंत्र-मंत्र की सिद्धि प्राप्त करेंगे. इस दिन रात भर भक्तों द्वारा मां छिन्नमस्तिके देवी की पूजा-अर्चना की जायेगी। मंदिर परिसर में भव्य भंडारा का भी आयोजन होगा, जिसमें लोगों के बीच महाप्रसाद और भोग का वितरण किया जायेगा। काली पूजा को लेकर क्षेत्र के लोगों में खासा उत्साह है।
कार्तिक अमावस्या की साधना और पूजा से दूर होती परेशानी :
पुजारी माँ छिन्नमस्तिका मंदिर के पुजारी असीम पंडा, शुभाशीष पंडा, छोटू पंडा, सुबोध पंडा ने बताया कि कार्तिक अमावस्या की साधना और पूजा से सभी विघ्न बाधाएं दूर होने के अलावा ना सिर्फ धन संपत्ति की प्राप्ति होती है अपने जीवन में होने वाली रोग, शोक, बुरी शक्ति और शत्रु का दमन भी होता है। सुख समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है वहीं तंत्र मंत्र सिद्धि करने वालों के लिए यह रात शक्ति प्रदान करती है। मंदिर के पुजारियों ने बताया कि रंग रोगन का काम समाप्त होने के बाद फूलों से मां के मंदिर को सजाकर अंतिम रूप दिया जाएगा। इस कार्य के लिए कोलकाता समेत कई अन्य राज्यों के कारीगर अपना हुनर दिखाएंगे। अमावस्या के दिन माता रानी के मंदिर को फ़ूल से सजाकर भव्य रूप दिया जाएगा।
छिन्नमस्तिका मंदिर को सजाने में खर्च हो रहे लगभग 10 लाख
कार्तिक अमावस्या को विशेष ध्यान देते हुए मां छिन्नमस्तिका मंदिर को सजाने के लिए पंडा समाज लगभग 10 लाख रुपए से अधिक खर्च कर रहा है। इस दिन मां छिन्नमस्तिका के दर्शन व पूजन करने रजरप्पा आनेवाले श्रद्धालुओं को माता का मंदिर का भव्य रूप में दर्शन हो इसके लिए तैयारी शुरू हो गया है। काली पूजा को लेकर मां भगवती के मुख्य मंदिर के अलावा मंदिर प्रक्षेत्र के अन्य मंदिरों का रंग रोगन किया जा रहा है। इसके बाद जब रंग रोगन का काम पूरा हो जाएगा तो अमावस्या से पहले फूलों से मातारानी के मंदिर को सजाया जाएगा। मंदिर परिसर को भव्य तरीके से रंग बिरंगी चकाचौंध विद्युत की रोशनी से जगमग होगा और फूलों की सज्जा की गई है। श्रद्धालुओं को बेहतर ढंग से पूजा-अर्चना के लिए दामोदर और भैरवी की नदी के किनारे भी बिजली की व्यवस्था विशेष रूप से होगी। ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो सके रातभर बड़ी संख्या में झारखंड ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल, यूपी एमपी छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न कोने से श्रद्धालु यहां पहुंचकर मां की आराधना करते हैं।
अमावस्या काली पूजा को रात भर खुला रहेगा मंदिर का द्वार सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहेगा :थाना प्रभारी
कार्तिक अमावस्या मां काली की पूजा को लेकर रजरप्पा मंदिर क्षेत्र के पूर्वी छोर एवं पश्चिमी छोर पर पुलिस बल भारी संख्या में तैनात रहेंगे किसी भी प्रकार की श्रद्धालुओं को दिक्कत न हो इसके लिए जगह जगह पर पुलिस बल मौजूद रहेंगे इस बाबत रजरप्पा थाना प्रभारी विद्याशंकर ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रहेगी तथा स्थानीय मंदिर न्यास समिति एवं स्वयंसेवी महिला संस्था के सदस्यों को भी जगह-जगह पर तैनात किया जाएगा इसके साथ पुलिस बल जवान भी होंगे वाहनों के लिए विशेष व्यवस्था रहेगी तथा मंदिर क्षेत्र में किसी भी तरह का चार पहिया वाहन ले जाना वर्जित होगा ।मंदिर से 1 किलोमीटर दूरी पर चार पहिया वाहन खड़े रहेंगे गोला थाना क्षेत्र एवं रजरप्पा थाना क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर पूजा अर्चना कर सके इसके लिए पुलिस प्रशासन के लोग हर संभव श्रद्धालुओं को सहायता प्रदान करेंगे।