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रांची सीट से बन्ना गुप्ता कांग्रेस के प्रत्याशी हो सकते है ? कांग्रेस का बड़ा दांव !

झारखंड का रांची सीट इन दोनों हॉट केक हो गया है दरअसल बरसो से रांची सीट पर अपना दबदबा रखने वाले सुबोध का सहाय को इस बार टिकट मिलने में लेट होता देख यह समझ आ रहा है कि इस बार सुबोध का सहाय का पत्ता कट सकता है या कट गया है । खबर तो यह भी है कि झारखंड सरकार में मंत्री और जमशेदपुर पश्चिम से विधायक बन्ना गुप्ता रांची लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी हो सकते हैं । मीडिया में खबरों के मुताबिक, आज शाम तक उनके नाम की घोषणा होने की उम्मीद है ।

जाहिर है की रांची लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है. खबरों के मुताबिम मंत्री बन्ना गुप्ता कांग्रेस अपना प्रत्याशी घोषित कर सकती है। इसकी आधिकारिक घोषणा आज शाम तक हो सकती है. दिल्ली लॉबी में चल रही खबरों के मुताबिक कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति ने बन्ना गुप्ता के नाम पर अपनी सहमति दे दी है।

माना जा रहा है कि रांची सीट पर बन्ना गुप्ता को टिकट देने से जातीय समीकरण को साधा जा सकता है कई लोगों के मुताबिक कांग्रेस बन्ना गुप्ता को अपना बेहतर कैंडिडेट मान रही है क्योंकि अगर बन्ना प्रत्याशी घोषित होते तो रांची सीट पर चुनाव दिलचस्प हो जाने की उम्मीद है ।  इसकी वजह जातीय समीकरण मानी जा रही है. सूत्रों के मुताबिक बनिया वर्ग से आने वाले BJP प्रत्याशी संजय सेठ के सामने इसी जाति से आने वाले बन्ना गुप्ता भी बनिया जाति के हैं

बन्ना गुप्ता जमशेदपुर पश्चिम से विधानसभा का चुनाव लड़ते रहे हैं । जाहिर है की 2019 में उनकी एकतरफा जीत हुई थी क्योंकि सरयू राय ने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ बतौर निर्दलीय जमशेदपुर पूर्वी सीट से चुनाव लड़ा था।

गौरतलब है कि रांची लोकसभा सीट पर BJP और कांग्रेस के बीच हमेशा से मुकाबला होता रहा है . 2019 के चुनाव से पहले तक यहां BJP की ओर से रामटहल चौधरी और कांग्रेस की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के बीच चुनावी मैदान में ताल ठोकते नजर आते थे । लेकिन 2019 में बीजेपी ने रांची सीट से संजय सेठ को प्रत्याशी बना दिया था.
फिलहाल में जो रांची का  परिदृश्य बदला है और अपना जीवन बीजेपी में खपाने वाले रामटहल चौधरी कांग्रेस में शामिल हो गये हैं. इससे एक बार लगा कि रामलाल चौधरी कांग्रेस के आलाकमान से टिकट पर बात कर आए हैं लेकिन सुबोध कांत सहाय पहले की तरह ही अपने क्षेत्र में  सक्रिय दिखे । इसके बाद ज्यादातर यही संभावना जताई जाने लगी की टिकट सुबोध का सहाय को ही मिलेगा इधर सुबोध कांत सहाय ने भी अपने वार रूम को पूरी तरह सजा लिया था दर्जनों लोग काम करने लगे थे एक-एक प्रखंड को सुबोध  कान्त ने एक्टिव कर रखा था लेकिन बन्ना गुप्ता के नाम की एंट्री होने से सुबोध का सहाय जैसे नेता को धक्का लगा होगा। क्योंकि मोदी लहर होने के बावजूद सुबोध कांत ने अपने क्षेत्र से 5 लाख वोट पाया था

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