पलामू में दर्दनाक हादसा: 11 हजार वोल्ट की तार से बाप-बेटे की मौत, शादी की खुशी बदली मातम में
पलामू, 05 मई 2025: झारखंड के पलामू जिले में एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया है, जहां 11 हजार वोल्ट की बिजली की तार की चपेट में आने से एक पिता और उनके 12 वर्षीय बेटे की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना उत्तर कोयल मुख्य नहर के पास खरगड़ा गांव में मुखर्जी पुल के समीप घटी। मृतकों की पहचान सिमरसोत गांव निवासी बिंदु मेहता (45) और उनके इकलौते बेटे बिपिन मेहता (12) के रूप में हुई है।
**शादी की तैयारी में हुआ हादसा**
जानकारी के अनुसार, बिंदु मेहता की भतीजी की शादी के लिए उसी दिन बारात आने वाली थी। बिंदु अपने बेटे बिपिन के साथ सुबह-सुबह बाइक से जेनरेटर के लिए डीजल लेने जा रहे थे, ताकि शादी में बिजली की कोई कमी न हो। लेकिन रास्ते में पहले से गिरी हुई 11 हजार वोल्ट की तार की चपेट में दोनों आ गए। तार में करंट होने के कारण आग लग गई, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
**बिजली विभाग की लापरवाही पर सवाल**
घटना के बाद ग्रामीणों में बिजली विभाग के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग को तार की खराब स्थिति के बारे में कई बार सूचना दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस लापरवाही का खामियाजा बिंदु और उनके बेटे को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। ग्रामीणों ने बताया कि ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं, लेकिन बिजली विभाग की उदासीनता के कारण स्थिति जस की तस बनी हुई है।
**पुलिस ने शुरू की जांच, शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे**
घटना की सूचना मिलते ही हैदरनगर के अंचल पदाधिकारी संतोष कुमार और थाना प्रभारी अफजल अंसारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए हुसैनाबाद अनुमंडलीय अस्पताल भेज दिया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
**शादी का माहौल मातम में बदला**
बिंदु मेहता के परिवार और पूरे सिमरसोत गांव में इस हादसे से मातम पसर गया। जिस घर में शादी की शहनाई बजने वाली थी, वहां अब सिर्फ चीखें और आंसुओं का माहौल है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांववासियों ने बताया कि बिंदु मेहता बेहद मिलनसार और मेहनती व्यक्ति थे, और बिपिन उनका इकलौता बेटा था।
**बिजली विभाग की जवाबदेही पर उठे सवाल**
इस हादसे ने एक बार फिर बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो।