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तिरंगा दिवस विशेष : रांची के पहाड़ी मंदिर में हमारी आन बान शान तिरंगा क्यों नही लहरा रहा ? क्यों पहले से रिसर्च नही क्या गया ? क्या रख रखाव करने वाली कंपनी  की नैतिक जिम्मेदारी नही। 

तिरंगा दिवस विशेष : रांची के पहाड़ी मंदिर में हमारी आन बान शान तिरंगा क्यों नही लहरा रहा ? क्यों पहले से रिसर्च नही क्या गया ? क्या रख रखाव करने वाली कंपनी  की नैतिक जिम्मेदारी नही।

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हर वर्ष 22 जुलाई को भारत में  राष्ट्रीय झंडा अंगीकरण दिवस** मनाया जाता है, जो 1947 में तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने की स्मृति में समर्पित है। इस अवसर पर देशभर में तिरंगा फहराया जाता है, और रांची के पहाड़ी मंदिर में स्थानों पर भी इसकी शान देखने को मिलती थी । लेकिन पता नही किसकी नजर लग गयी या इसे लगाने से पहले रिसर्चरों ने रिसर्च क्यों नही किया । बड़े अरमान थे झारखंड के लोगो के सब अरमान आंसुओ में बह गए। चुकी देशहित सर्वप्रथम है तो हमारा कर्तव्य भी है की वैसी तस्वीर ना छपे जिससे किसी तरह भी जनता की भावना को ठेस पहुचे  लेकिन हकीकत तो हकीकत होती है ।

हम आपको पूरी कहानी विस्तार से बताते है आप तय कीजिये दोष किसका है।

23 जनवरी 2016 का वो दिन जब  तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने 293 फीट ऊंचे फ्लैग पोल पर तिरंगा फहराया था, जो उस समय देश का सबसे ऊंचा तिरंगा था। झंडे का आकार 99 फीट चौड़ा और 66 फीट लंबा था, जिसे दुबई में बनाया गया था। फ्लैग पोल को मेकॉन ने डिजाइन किया था, और यह ट्रिपल यार्न यूबी स्टेबलाइज्ड सामग्री से निर्मित था। हर भारतवासी गर्वान्वित महसूस कर रहा था । लेकिन …

ये क्या  फ्लैग पोल के कारण पहाड़ी को भारी नुकसान पहुंचा है, जिसमें मिट्टी और पत्थरों का दरकना शामिल है। पर्यावरणविदों और विशेषज्ञों की जांच में पाया गया कि यह पोल पहाड़ी के अस्तित्व के लिए खतरा है।
औए फिर 2018 से हमारा प्यारा तिरंगा फहराना बंद कर दिया गया है, और पोल अब केवल शोभा की वस्तु बनकर रह गया है।

फिर आया 2025  मंदिर की दीवारों में दरारें और पानी का रिसाव शुरू हो गया है, जिसके लिए मरम्मत कार्य शुरू किया गया है। जुलाई 2025 में  मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हुआ, जिसमें चूहों के बिलों को बंद करना और गर्भगृह के फर्श की ढलाई की गई ।
6 करोड़ 73 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मंदिर के पुनर्विकास के लिए दी गई है, और कार्य 31 मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया

लेकिन ये क्या  फ्लैग पोल के कारण पहाड़ी की मिट्टी ढीली हो गई है, और निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई है।

15 अगस्त 2022 सिल्ली विधानसभा क्षेत्र के **मुरी टुंगरी पार्क** में फहराया गया 75 फीट ऊंचा तिरंगा इस क्षेत्र का सबसे ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज है। यह आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव के तहत स्थापित किया गया था।

तिरंगे की पोल की ऊंचाई  75 फीट  और फ्लैग  जिसमें 21 फीट लंबा और 14 फीट चौड़ा तिरंगा फहराया गया। था
झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री और सिल्ली विधायक सुदेश कुमार महतो ने बड़े ही गर्व से फहराया था और इस फ्लैग पोल का निर्माण उत्कर्ष प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया, और इसकी मॉनिटरिंग **रिलायबल सिस्टम्स, रांची** द्वारा की जाती है।

 

 

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