निशिकांत दुबे का ट्वीट (twit) इनदिनों झारखण्ड के हर व्यक्ति की जुबान पर है। निशिकांत दुबे हर ट्वीट में कुछ ऐसे शब्सां छोड़ जाते है जिसे राज्य के लोग अपने तरह से डिकोड करते रहते है ऐसे ही एक ट्वीट को हम डिकोड करने की कोशिश करेंगे।
निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को एक ट्वीट किया है. अपनी ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि “प्रेम भइया का कारनामा रांची में राज्य सरकार के सरकारी गजट में प्रकाशित सरकारी ज़मीन,जिस पर विजिलेंस की जांच चल रही हो,उस ज़मीन को प्राइवेट बनाकर,जांच हटाकर किसी भार्गव के नाम पर बेनामी रजिस्टर कराया,फिर अग्रवाल भैया से मोटा रकम लेकर बेचा,पार्टनर राजा से रंक तक, भष्टाचार का रसूख़’
https://twitter.com/nishikant_dubey/status/1530006931519459328?s=20&t=cCzaLv8rXMBbzlGxSpSVPQ
अब जिस भार्गव का जिक्र किया है. और कहा है कि उसके नाम पर बेनामी जमीन रजिस्टर करायी गयी है. आखिर वह भार्गव कौन है निशिकांत दुबे ने ट्वीट में भार्गव का पूरा नाम नहीं बताया है, लेकिन इस ट्वीट के बाद रांची के जमीन कारोबारियों और बड़े बिल्डरों के होश फाख्ता है इस ट्वीट के बाद रांची के एक चर्चित भूखंड को लेकर फिर से चर्चा होने लगी है. कयास लगाया जा रहा हैं कि निशिकांत दुबे ने अपनी ट्वीट में इशारों-इशारों में जिस जमीन का जिक्र किया है. वह कहीं बरियातू के चेशायर होम रोड में तो स्थित नहीं है. और जिस भार्गव का नाम उन्होंने ट्वीट में लिखा है कहीं वह पुनीत भार्गव तो नहीं हैं. जिसके नाम पर रांची के अलग- अलग इलाकों में कई भू-खंड ख़रीदे गये हैं. वैजानकारी के मुताबिक प्रेम प्रकाश और पुनीत भार्गव दोनों ही बिहार के सासाराम के रहने वाले हैं.
पुनीत भार्गव के नाम से खरीदी गई जमीन झारखंड-बंगाल के एक बड़े बिल्डर को बेचीं गई है. उस बिल्डर का रांची के लालपुर, बूटी रोड और कांके रोड में कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं. सबसे हैरत की बात यह है कि जिस जमीन की खरीद बिक्री मात्र 9 करोड़ रुपये दिखाया गया उसका मार्किट वैल्यू लगभग 18 करोड़ रुपये है. यानि कि दोगुना. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या प्रेम प्रकाश, पुनीत भार्गव के जरिये अपनी काली कमाई जमीन के धंधे में इन्वेस्ट कर ब्लैक मनी को व्हाइट मनी बनाने में इस्तेमाल करता था.