झारखंड के विधानसभा का शीतकालीन सत्र : सदन में उठा राजधानी से जुड़े विकास कार्यों का मुद्दा, मंत्री सत्यानंद भोक्ता बोले-सीएम से विमर्श के बाद जांच कर किया जाएगा फैसला
झारखंड के विधानसभा में मानसून सत्र के आज पांचवे और अंतिम दिन विधायक प्रदीप यादव के एक अल्पसूचित प्रश्न के ऊपर प्रभारी मंत्री सदन में बुरी तरह से फंसते हुए दिखाई। विधायक प्रदीप यादव ने ये सवाल किया था कि झारखण्ड की राजधानी रांची को व्यवस्थित और विकास के नाम पर हरमू के नदी को पुनर्जीवित करने के लिए साल 2015 में 85 करोड़, स्लॉटर हाउस निर्माण में 17 करोड़,अर्बन हाट निर्माण में 5 करोड़ और सीवरेज ड्रैनेज के नाम पर 100 करोड़,और टाईम स्क्वायर में 22 करोड़ रुपये खर्च किये गये, लेकिन परिणाम अभी तक कोई निकला ही नहीं है. विधायक ने राज्य की सरकार से ये भी पूछा कि क्या सरकार अनुपयोगी योजनाओं पर खर्च की गई राशि की वसूली और उपयोगी योजनाओं को पूर्ण कराना चाहती भी है.
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इन सभी प्रश्नो का जवाब देते हुए मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने उतर दिया की सभी योजनाएं बनकर तैयार भी है और चालू करने हैं और जल्द ही चालू करेंगे भी. उन्होंने ये भी कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में उपयोगी विकास कार्यों को पूर्ण करा लिया जाएगा. मंत्री सत्यानंद भोक्ता के उतर से विधायक प्रदीप यादव असंतुष्ट दिखाई पड़े और कहा कि कोई भी योजना अभी तक पूरी नहीं हुई है, और अगर हुई है तो दिख क्यों नहीं रहा है। उन्होंने विधानसभा की सर्वदलीय कमिटी या मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई लेबल कमिटी बनाकर जांच भी करने की बात कही. इस पर मंत्री असत्यानंद भोक्ता ने उतर देते हुए कहा की कि इस मामले पर वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बिचार विमर्श कर जांच कराने का निर्णय जल्द से जल्द लेंगे .
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