ग्रामीणों को कब मिलेगा न्याय , ग्रामीणों का एक ही जिद जान देंगे लेकिन जमीन नहीं
ग्रामीणों को कब मिलेगा न्याय , ग्रामीणों का एक ही जिद जान देंगे लेकिन जमीन नहीं
विकास कुमार/ धनबाद
कहते है कोयला देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है लेकिन कोयला नगरी धनबाद के सुरंगा के लोगों के लिए अभिशाप बना हुआ … रंगदारी वार्चव के किया कब कोयलांचल की काली धरती रक्त से लाल हो जाय कुछ कहा नहीं जा सकता है …
धनबाद का एक नाम जिसके आगे कोयलांचल का पूरा प्रशासन महकमा नकमस्तक हो जाता है और कार्रवाई करने पर पुलिस की कलम भी चलने से रुक जाती है । कुम्भनाथ सिंह और एलबी सिंह जिसको मानो गुंडई का लाइसेंस मिल गया है ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि एटी देव प्रभा आउटसोर्सिंग जिसने सुरंगा के ग्रामीणों के जमीन पर जबरन ओबी डंप करके ग्रामीणों का जीना मुहाल कर दिया है ।
रैयत कर रहे हैं आउटसोर्सिंग कंपनी का विरोध
सैकड़ों रैयत जिसके जमीन पर ऐटी देव प्रभा आउटसोर्सिंग कंपनी सुरूंगा को सैकड़ों रैयतों के जमीन पर जबरन ओबेडिएंस करके सुरंगा को खत्म करने की साजिश कर रही है बता दे कि पिछले दिनों 8 फरवरी को ग्रामीण एवं आउटसोर्सिंग के गुर्गे के बीच बवाल हुआ था जिसमें ग्रामीण और आउटसोर्सिंग के गुरु के ऊपर एवं आउटसोर्सिंग संचालक के ऊपर मामला दर्ज किया गया था इसके बावजूद अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है आउटसोर्सिंग के चाणक्य नीति के आगे ग्रामीण अब लाठी डंडे और गोली बम की लड़ाई नहीं बल्कि आत्मदाह करके अपने आप को ही समाप्त करने की बात कह रही है।
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ग्रामीणों की माने तो प्रशासन और आउटसोर्सिंग प्रबंधन पूरी तरह से मौन है बंदी के दौरान घायल हुए ग्रामीणों को वापस स्वस्थ होकर आने के बाद पुनः लिखित रूप से बैंड का ऐलान करने के बाद फिर से आउटसोर्सिंग बंद कराया जाएगा साथ ही उन्होंने कहा कि अगर इस बार आउटसोर्सिंग बंद करने के दौरान उनके साथ मारपीट किया जाता है तो वापस आकर उपायुक्त कार्यालय में जाकर आत्मदाह करने को मजबूर होंगे ।