आखिर कौन है 39 निर्दोष लोगों की मौत का जिम्मेवार ? तमिलनाडु के करूर में एक्टर विजय की रैली में भगदड़ में 39 की मौत, 51 घायल , विजय ने की मृतक के लिए 20 लाख मुआवजे की घोषणा, सिर्फ टिवीके नेताओं पर FIR क्यों , विजय को क्यों बचाया जा रहा ?

आखिर कौन है 39 निर्दोष लोगों की मौत का जिम्मेवार ? तमिलनाडु के करूर में एक्टर विजय की रैली में भगदड़ में 39 की मौत, 51 घायल , विजय ने की मृतक के लिए 20 लाख मुआवजे की घोषणा, सिर्फ टिवीके नेताओं पर FIR क्यों , विजय को क्यों बचाया जा रहा ?
करूर, तमिलनाडु: तमिलनाडु के करूर जिले में शनिवार (27 सितंबर, ) को तमिल अभिनेता और तमिलगा वेट्रीक्कझगम (टीवीके) के नेता विजय की रैली में मची भगदड़ ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। इस हादसे में 39 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 16 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं। 51 लोग गंभीर रूप से घायल हैं और विभिन्न अस्पतालों के ICU में भर्ती हैं। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका बनी हुई है।
विजय की ओर से मुआवजे की घोषणा
हादसे के बाद एक्टर विजय ने अपनी पार्टी टीवीके के आधिकारिक X हैंडल से एक भावुक पोस्ट साझा किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा, “कल करूर में जो हुआ, उसका दुख बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैं मृतकों के परिजनों को 20 लाख रुपये और घायलों को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देना चाहता हूं।” इस घोषणा के बाद विजय ने पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की, लेकिन उनके हादसे के तुरंत बाद घायलों से न मिलकर चेन्नई लौटने के फैसले की आलोचना भी हो रही है।

हादसे का कारण और पृष्ठभूमि
तमिलनाडु पुलिस के अनुसार, रैली के लिए 10,000 लोगों की अनुमति थी, लेकिन 1.20 लाख स्क्वायर फीट के आयोजन स्थल पर 50,000 से अधिक लोग जमा हो गए। टीवीके के X हैंडल पर दावा किया गया कि विजय दोपहर 12 बजे तक सभा स्थल पर पहुंच जाएंगे, जिसके चलते सुबह 11 बजे से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। हालांकि, विजय शाम 7:40 बजे पहुंचे, जिसके कारण भीड़ में बेचैनी बढ़ गई।

रैली के दौरान विजय को सूचना मिली कि 9 साल की एक बच्ची गुम हो गई है। उन्होंने मंच से बच्ची की तलाश के लिए अपील की, जिसके बाद भीड़ में अफरा-तफरी मच गई और भगदड़ की स्थिति बन गई। इस हादसे में कई लोग कुचल गए, जिसके परिणामस्वरूप यह त्रासदी हुई।
टीवीके और विजय का राजनीतिक सफर
विजय ने 2 फरवरी, 2024 को तमिलगा वेट्रीक्कझगम (टीवीके) नामक अपनी राजनीतिक पार्टी की स्थापना की थी। उन्होंने 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में उतरने की घोषणा की है। इसके तहत वह पूरे राज्य में रैलियां और जनसभाएं आयोजित कर रहे हैं। करूर में हुई रैली भी इसी कड़ी का हिस्सा थी। हालांकि, इस हादसे ने उनकी पार्टी की संगठनात्मक क्षमता और भीड़ प्रबंधन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हादसे की खबर मिलते ही तत्काल कार्रवाई की। शनिवार देर रात उन्होंने एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई और फिर करूर पहुंचकर अस्पतालों में घायलों से मुलाकात की और मृतकों को श्रद्धांजलि दी। स्टालिन ने पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
केंद्र सरकार ने भी इस हादसे को गंभीरता से लिया है। गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
जांच और सुरक्षा पर सवाल
पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने हादसे की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में आयोजन स्थल पर भीड़ प्रबंधन में कमी, अनुमति से अधिक लोगों का जुटना और अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था को हादसे का प्रमुख कारण माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि बड़े आयोजनों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पहले से मजबूत योजना और पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती अनिवार्य है। यह हादसा सार्वजनिक आयोजनों में सुरक्षा मानकों की खामियों को उजागर करता है।

विजय की आलोचना
विजय के हादसे के बाद तुरंत चेन्नई लौटने के फैसले की व्यापक आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया पर कई लोग इसे असंवेदनशील कदम बता रहे हैं। हालांकि, मुआवजे की घोषणा को कुछ लोग सकारात्मक कदम मान रहे हैं।





