गोवा: श्री लैराई जात्रा 2025 में भगदड़ से सात की मौत, 40 घायल; CM सावंत ने की जांच के आदेश
गोवा: श्री लैराई जात्रा 2025 में भगदड़ से सात की मौत, 40 घायल; CM सावंत ने की जांच के आदेश
गोवा के शिरगांव (बिचोलिम तालुका, उत्तर गोवा) में आयोजित श्री लैराई देवी मंदिर की वार्षिक जात्रा के दौरान देर रात, भगदड़ मच गई। जिसमे सात श्रद्धालुओं की मौत हो गयी । यह हादसा उस समय हुआ जब हजारों श्रद्धालु मंदिर परिसर में पारंपरिक “होम कुंड” अनुष्ठान (जलते अंगारों पर चलने की रस्म) में भाग ले रहे थे। इस भगदड़ में सात लोगों की मौत हुई और 40 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें से 10 की हालत गंभीर बताई गई है।
हादसे का कारण
प्राथमिक जांच के अनुसार, भगदड़ की शुरुआत एक अफवाह से हुई, जिसने भीड़ में घबराहट पैदा कर दी। उत्तरी गोवा के पुलिस अधीक्षक अक्षत कौशल ने मीडिया को बताया कि किसी मुद्दे को लेकर फैली अफवाह के कारण लोग डर गए और भागने लगे, जिससे यह हादसा हुआ। स्थानीय विधायक प्रेमेंद्र शेट ने बताया कि यह घटना सुबह करीब 3 बजे एक ढलान वाले क्षेत्र में हुई, जहां कुछ श्रद्धालु एक-दूसरे के ऊपर गिर गए, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई।
लैराई जात्रा में हर साल 40,000 से 50,000 श्रद्धालु शामिल होते हैं, और इस बार भी भीड़ की संख्या अप्रत्याशित रूप से अधिक थी। मंदिर प्रशासन और पुलिस के लिए इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि भीड़ प्रबंधन के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं थे, जिसने स्थिति को और गंभीर बना दिया।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत: हादसे की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत तुरंत हरकत में आए। वे नॉर्थ गोवा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल (मापुसा) और बिचोलिम अस्पताल पहुंचे, जहां घायलों का इलाज चल रहा था। उन्होंने घायलों से मुलाकात की और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। सावंत ने सोशल मीडिया पर लिखा, “शिरगांव के लैराई जात्रा में हुई भगदड़ बेहद दुखद है। मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहा हूं ताकि सभी आवश्यक उपाय किए जाएं।”
स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे: उन्होंने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और घायलों के लिए उचित चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
पुलिस और प्रशासन: हादसे के तुरंत बाद मंदिर प्रशासन और पुलिस ने बचाव कार्य शुरू किए। घायलों को गोवा मेडिकल कॉलेज (GMC) और नॉर्थ गोवा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने बताया कि इस आयोजन के लिए 1,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे, लेकिन भीड़ की भारी संख्या के कारण स्थिति संभालना मुश्किल हो गया।
केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर शोक व्यक्त किया और ट्वीट कर कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री सावंत से बात की और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावित परिवारों के लिए केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
जांच और जवाबदेही
मुख्यमंत्री सावंत ने हादसे की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं ताकि इसके कारणों का पता लगाया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
उत्तरी गोवा के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि भगदड़ के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है।
कुछ सोशल मीडिया पोस्ट और विपक्षी नेताओं ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि क्राउड मैनेजमेंट और सुरक्षा व्यवस्था में कमी के कारण यह हादसा हुआ। हालांकि, इन आरोपों की पुष्टि के लिए अभी जांच पूरी होना बाकी है।
लैराई जात्रा का महत्व
श्री लैराई देवी मंदिर गोवा के सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों में से एक है, और इसकी वार्षिक जात्रा (उत्सव) में गोवा के साथ-साथ महाराष्ट्र, कर्नाटक और अन्य राज्यों से हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस उत्सव का मुख्य आकर्षण “होम कुंड” अनुष्ठान है, जिसमें श्रद्धालु जलते अंगारों पर चलते हैं। यह परंपरा जोखिम भरी होने के बावजूद भक्तों के लिए आस्था का प्रतीक है।
घटनास्थल का मंजर
हादसे के बाद मंदिर परिसर में अफरा-तफरी का माहौल था। मैदान पर बिखरी पानी की बोतलें, फूल-मालाएं और अन्य सामान उस अराजकता की गवाही दे रहे थे। कई श्रद्धालु अपनी जान बचाने के लिए भागे, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
जनता और विपक्ष की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस हादसे को “प्रशासनिक लापरवाही” करार दिया और सरकार से जवाबदेही की मांग की। कुछ ने इसे “प्रशासनिक हत्या” तक कहा।
विपक्षी नेताओं ने भी सरकार पर निशाना साधा, यह दावा करते हुए कि भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा योजना की कमी के कारण यह हादसा हुआ।
वर्तमान स्थिति
घायलों का इलाज गोवा मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों में चल रहा है। गंभीर रूप से घायल मरीजों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को सहायता प्रदान करने की घोषणा की है, हालांकि अभी तक मुआवजे की राशि का आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है।
जांच के नतीजे आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि इस हादसे के लिए कौन जिम्मेदार था और क्या लापरवाही हुई।