झारखंड में सरेंडर करने के बाद अस्वस्थ नक्सली गंगा प्रसाद राय की रिम्स में इलाज के दौरान हुई मौत।
नक्सली कमांडर ताला दा का दाहिना हाथ माने जाने वाले गंगा प्रसाद राय ने चार अगस्त को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. उसकी बीती रात रिम्स में इलाज के दौरान मौत हो गयी. आत्मसमर्पण के दौरान ही उसकी स्थिति ठीक नहीं थी. सरेंडर करने के सप्ताहभर बाद 13 अगस्त से उसे दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराया जा रहा था. शुक्रवार की सुबह हालत खराब होने पर रांची रेफर किया गया था मिली जानकारी के मुताबिक काठीकुंड के मझला सरूवापानी का गंगा राय मारे गये दुर्दांत नक्सली सहदेव राय उर्फ ताला दा के साथ उसके दस्ते में काम कर रहा था. दरअसल, ताला भी उसी गांव के दूसरे टोला बड़ा सरूवापानी का था. ऐसे में दोनों करीबी थे.
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ताला के मारे जाने के बाद वह दस्ते को लीड करने वाले सैक मेंबर विजय दा के साथ काम करने लगा था. उसे आत्मसमर्पण के दौरान इस बात का खुलासा किया था कि माओवदियों ने उसे प्रलोभन देकर दस्ते में शामिल किया था, पर जो प्रलोभन दिया गया, वह कभी पूरा नहीं हुआ. ऐसे में काफी दिनों से पुलिस से संपर्क में रहने के बाद चार अगस्त को डीआइजी सुदर्शन प्रसाद मंडल, डीआइजी एसएसबी टी शेरिंग डोर्जे, डीसी रविशंकर शुक्ला व एसपी अंबर लकड़ा के सामने उसने एक देसी राइफल के साथ आत्मसमर्पण कर दिया था.
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उसे सरेंडर करने पर एक लाख का चेक भी दिया गया था. उस पर केवल दो छोटे मामले दर्ज थे.केंद्रीय जेल के अधीक्षक सत्येंद्र चौधरी ने बताया कि शुक्रवार को हालत ज्यादा खराब होने पर रांची भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गयी. इलाज के दौरान उसकी कई तरह की जांच करायी गयी थी. वह असाध्य बीमारी से ग्रसित था. बीमारी की वजह से शरीर में खून बनना बंद हो गया था. परिजनों को निजी वाहन से रांची भेज दिया गया है. रांची से शव को दुमका लाया जायेगा.
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