2 साल में भारत में हुआ 21680 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन (Solar energy)
विजय दत्त पिंटू
Solar energy
प्रश्नकाल में संजय सेठ के सवाल पर केंद्रीय मंत्री का जवाब
रांची। सौर ऊर्जा के मामले में देशभर में इसकी क्षमता में जबरदस्त वृद्धि हुई है। सरकार के प्रोत्साहन से जनता का रुझान अक्षय ऊर्जा की तरफ तेजी से हुआ है। यही वजह है की लघु पनबिजली, पवन विद्युत, बायो विद्युत, सौर ऊर्जा और बड़ी पनबिजली के क्षेत्र में देश ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। विशेष रुप से सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में बीते 3 वर्षों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
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उक्त आशय की जानकारी केंद्रीय उर्जा नवीन ऊर्जा एवं नवीकरणीय मंत्री श्री आर०के० सिंह ने लोकसभा में तारांकित प्रश्न काल के दौरान दी। इस प्रश्नकाल में सांसद श्री संजय सेठ ने पूछा था कि झारखंड सहित पूरे देश में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा को लेकर कितनी योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं? बीते 2 वर्षो में हुए कार्यों का विवरण क्या है? इसके लिए कितनी राशि स्वीकृत हुई है?
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इसका जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वर्ष 2019 से लेकर वर्ष 2021-22 तक भारत में सौर ऊर्जा की क्षमता में 21680 मेगा वाट की वृद्धि हुई है। वही पवन ऊर्जा की क्षमता में 4503 मेगावाट की वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त लघु पनबिजली का उत्पादन 246 मेगा वाट हुआ है। बायो विद्युत का उत्पादन 531 मेगावाट हुआ है। जबकि बड़ी पनबिजली का उत्पादन 223 मेगावाट हुआ है। इसमें झारखंड में 3857 सौर ऊर्जा का उत्पादन हुआ है। सौर ऊर्जा उत्पादन में पूरे देश में सबसे आगे राजस्थान है। राजस्थान में 7323 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन हुआ है। उसके बाद गुजरात में 3899 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन बीते 2 वर्षों में हुआ है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2019 से 2022 तक विभिन्न अक्षय ऊर्जा से जुड़े योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए हर राज्य को केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इसमें झारखंड को लगभग 32 करोड रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। शेष अन्य राज्यों को उनकी आवश्यकता के अनुसार वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा प्रमुख रूप से सीपीएसयू योजना, पीएम कुसुम योजना, रूफ टॉप कार्यक्रम सहित कई तरह के कार्यक्रमों का क्रियान्वयन देश भर में किया जा रहा है। मंत्री ने बताया कि रांची जिले के गेटलसूद डैम पर 100 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर पार्क का निर्माण, देवघर जिले में 20 मेगावाट सौर पार्क का निर्माण, पलामू जिले में 20 मेगावाट सौर पार्क का निर्माण, गढ़वा जिले में 20 मेगावाट सौर पार्क का निर्माण, सिमडेगा जिले में 20 मेगावाट सौर पार्क का निर्माण स्वीकृत हुआ है। इसके अलावा झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्य में मैथन, पंचेत, तिलैया, और कोनार डैम पर 755 मेगा वाट फ्लोटिंग सौर पार्क का निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। पीएम कुसुम योजना के तहत 11000 स्टैंड एलोन ऑफ ग्रिड सौर जल पंप का समीकरण भी किया गया है।
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झारखंड राज्य में आवश्यकता के अनुसार अक्षय ऊर्जा योजनाओं और कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है और इससे बड़ी संख्या में अलग-अलग घरों किसानों और क्षेत्रों को इसका लाभ दिया जा रहा है।
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