सीसीएल के आश्वासन पर अपना घर तोड़ने वालों को नहीं मिला मुआवजा.
खलारी : सीसीएल के एनके एरिया अंतर्गत केडीएच प्रबंधन के आश्वासन पर अपना घर तोड़ विस्थापित हुए बीस परिवारों को तीन साल बाद भी मुआवजा नहीं मिल सका है। अपना घर तोड़ने के बाद ये परिवार जहां तहां गुजर बसर कर रहे हैं। नवंबर 2017 में प्रबंधन को खदान विस्तारीकरण के लिए जमीन की जल्द जरूरत थी। प्रबंधन ने दायरे में आने वाले 25 परिवार को लिखित आश्वसन दिया कि अपना मकान तत्काल तोड़ दें, उन्हें जल्द मुआवजा दे दिया जाएगा। लिखित आश्वासन पर सभी अपना घर तोड़ दिए। उनमें से पांच परिवार को मुआवजा दे दिया गया। लेकिन शेष 20 परिवार को आज तक मुआवजा नहीं मिला।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!इस मामले को लेकर जिप सदस्य अब्दुल्ला अंसारी ने बेघर हुए परिवारों के साथ बैठक किया। जिप सदस्य ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उन्हें मुआवजा दिलाने का हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने सीसीएल से आग्रह किया है कि प्रबंधन संवेदनशीलता दिखाते हुए अपने लिखित आश्वासन को पूरा करे ताकि बेघर हुए लोग फिर से अपना आशियाना बना सकें और सीसीएल पर लोगों का विश्वास बना रहे। अब्दुल्ला अंसारी ने कहा है कि इस मामले को लेकर वे मुख्यमंत्री से भी मिलेंगे। बैठक में शिबू महली, सुरेश साव, रशीदन निशा, मुनेजा खातुन, इम्दादा हुसैन, चइता गंझू, सिकंदर अंसारी, दसइयां गंझू, कुदरत अंसारी, फागू गंझू, तसलीम अंसारी, गोपाल ठाकुर, मो. मुजिबुल्ला, पूरन गंझू, इस्माइल अंसारी, हीरामन गंझू, इदरीश अंसारी, मुनिया देवी आदि उपस्थित थे।
खलारी, मो मुमताज़





