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भू-राजस्व विभाग और भूमि माफिया की गठजोड़ का आलम ये है की विभाग से फ़ाइल ही गायब हो जाती है !

भू-राजस्व विभाग और भूमि माफिया की गठजोड़ का आलम ये है की विभाग से फ़ाइल ही गायब हो जाती है। हम बात कर रहे है हेहल अंचल स्थित बजरा मौजा खाता 119 की। जिसकी एसआइटी रिपोर्ट की संचिका भू-राजस्व विभाग से गायब हो गई है. माना जा रहा है कि अधिकारियों की सांठगांठ से एसआईटी रिपोर्ट की फाइल को गायब कर दिया गया है. गुम फाइल को ढूंढ़ने में विभाग के अधिकारी लगे हैं. एसआईटी रिपोर्ट विभाग से गायब होने का खुलासा तक हुआ जब RTI के तहत रिपोर्ट की मांग की गई.

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हेमंत सरकार ने बजरा मौजा के खाता 119 के 100 एकड़ भूमि की स्वामित्व की जांच के लिये के एसआईटी गठन का आदेश दिया था. गठित एसआईटी में विभाग के वरीय अधिकारी शामिल थे. एसआईटी हेड संयुक्त सचिव अंजनी कुमार मिश्र ने कहा कि जांच रिपोर्ट की प्रति विभाग में मौजूद है. प्राप्त सूचना के अनुसार अब पुन: बजरा मौजा के एसआईटी जांच रिपोर्ट का फाइल का मूवमेंट कराया जाएगा. अधिकरियों से पुन: मंतव्य लिए जाएंगे. फाइल गायब होने के मामले को लेकर बुधवार को विभाग जांच कमिटी गठित कर सकता है.

आरटीआई के तहत हुआ मामले का खुलासा

स्वामित्व मामले की जांच को लेकर गठित एसआइटी जांच रिपोर्ट की संचिका गायब होने की जानकारी विभाग को तब हुइ जब RTI के तहत इसकी जानकारी मांगी गई. हेहल अंचल के खाता नंबर 119 के 100 एकड़ भूमि को लेकर मालिकाना हक के लिए विवाद चल रहा है. मामला झारखंड उच्च न्यायलय भी पहुंच गया है. इस भूमि पर अनीता शर्मा स्वामित्व का दावा कर रही हैं. वहीं दूसरी ओर दशरथ साहू एवं गणेश साहू भी अपना दावा कर रहे हैं. वहीं मौजूदा सक्ष्य के अनुसार इसे सरकारी भूमि भी बताई जा रही है. भूमि के स्वामित्व को लेकर पंडरा थाना में भी दो मामले दर्ज हैं.

फाइल मूवमेंट के अनुसार अभिषेक श्रीवास्तव के पास थी संचिका
एसआइटी ने अपनी रिपोर्ट 20 मार्च 2021 को दे दी थी. रिपोर्ट भू-राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव अभिषेक श्रीवास्तव को दी गयी थी. अभिषेक श्रीवास्तव विभाग के विजिलेंस अधिकारी भी थे. वह आरोपों को भी देखते थे. उन्होंने एसआईटी रिपोर्ट वाली फाइल को 6 अप्रैल को विभागीय सचिव एसएल शांति को भेजा था. सचिव के पास फाइल 6 दिनों तक रही.

इस बीच उन्होंने रिपोर्ट का अध्ययन किया और अपने मंतव्य के साथ फाइल भू-राजस्व विभाग की विजिलेंस शाखा के संयुक्त सचिव को लौटा दिया. मूवमेंट रजिस्टर में अभिषेक श्रीवास्तव के पास फाइल होने की सूचना दर्ज है. हालांकि उनका तबादला कहीं और हो गया है.

बतया जा रहा है की इस जमीं में बड़े लोगो और सफेदपोश लोगो का हाँथ है जिसके कारण न्याय नहीं मिल पा रहा है इस पुरे में में तत्कालीन DC के के सोन का आदेश है जिसे भी ध्यान नहीं दिया गया है।

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