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देवघर जिले में जमीन खरीद विवाद में सांसद निशिकांत दुबे को कोर्ट दे बड़ी राहत , सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की अपील ख़ारिज की

झारखण्ड के देवघर जिले में में जमीन खरीद विवाद में सांसद निशिकांत दुबे को कोर्ट से रहत भरी खबर आयी है। गौरतलब है की राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील डाली थी. इसे सोमवार को खारिज कर दिया गया. सांसद ने इस पर खुशी जताते हुए हेमंत सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. ट्विटर पर कहा- सत्यमेव जयते. उनके मुताबिक उन्होंने बार-बार इस बात को दोहराया था कि उनके और उनकी पत्नी के ऊपर जानबूझ कर जमीन खरीद के मामले में केस लादे गये. झूठे आरोप लगाये गये. झूठे केस में फंसा कर बदनाम करने की कोशिश की गयी. सर्वोच्य न्यायालय के आदेश से यह साबित भी हो गया है.

गौरतलब है कि सांसद और उनकी पत्नी के खिलाफ देवघर जिला प्रशासन ने टाउन थाने में एफआइआर दर्ज करायी थी. कहा था कि एलोकेसी धाम की जमीन की खरीद को कपटपूर्ण तरीके से खरीदा गया. पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी. प्राथमिकी के लिए दिये गये आवेदन में क्रेता, विक्रेता और पहचानकर्ता के अलावा गवाहों के ऊपर भी कार्रवाई की मांग की गयी थी. टाउन थाना देवघर ने आइपीसी की धारा 420 , 406 , 467 , 468 471 और 120 (B) तहत प्राथमिकी दर्ज हुई थी. इस मामले की जांच जारी थी. देवघर डीसी के आदेश के बाद इस जमीन का निबंधन भी रद्द कर दिया गया था. राज्य सरकार ने एसआईटी गठित की थी. साथ ही इस केस में सुप्रीम कोर्ट में अपील लेकर गयी थी. इससे पहले झारखंड हाइकोर्ट ने भी इस केस को खारिज कर दिया था.

वैसे इस मामले में निशिकांत दुबे ने कहा है की राज्य सरकार जानबूझ कर उनके और उनकी पत्नी तथा परिवार को तंग व परेशान करने में लगी थी. सत्य की जीत हुई है. उनकी पत्नी अनामिका गौतम के नाम से देवघर के ज़मीन के मामले में सर्वोच्च न्यायालय का यह फ़ैसला मायने रखता है. हेमंत सोरेन द्वारा SIT गठन किया गया था. उसकी रिपोर्ट पर भी टिप्पणी हुई. सांसद के मुताबिक उनका और उनके परिवार का सब कुछ बाबा बैद्यनाथ जी, बासुकिनाथ जी व माता पिता के आशीर्वाद से है. जनता न्याय करेगी.

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