Screenshot 2022 03 21 19 18 33 71 680d03679600f7af0b4c700c6b270fe7 scaled

झारखंड सरकार ( jharkhand goverment )के संरक्षण में झारखंड में टेंडर मैनेज का खेल चरम पर : दीपक प्रकाश

रिपोर्ट -विजय दत्त पिंटू

jharkhand goverment

BJP प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने झारखंड में टेंडर मैनेज का खेल चरम पर होने को लेकर झारखंड सरकार पर बड़ा हमला बोला है। श्री प्रकाश ने कहा कि लातेहार के ललमटिया डैम से पॉलिटेक्निक कॉलेज तक पहुंच पथ का निर्माण कार्य टेंडर खुलने के पहले ही प्रारंभ हो जाना और निर्धारित समय से पूर्व संवेदक का चयन हो जाना, राज्य में टेंडर मैनेज के अद्भुत खेल का एक उत्कृष्ट उदाहरण भर है। लातेहार ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में टेंडर मैनेज का खुला खेल खेला जा रहा है।

सुखदेवनगर थाना प्रभारी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन(breach of privileged) का प्रस्ताव की मांग स्पीकर से ।

श्री प्रकाश ने कहा कि एक तरफ टेंडर मैनेज के लिए अधिकारी और सरकार के मंत्री विधायक किसी भी हद तक जाने को बैचेन हैं। वहीं दूसरी तरफ राज्य में चालू वित्तीय वर्ष की कई योजनाएं टेंडर नहीं होने के कारण फंसी हुई है। अब इनकी राशि सरेंडर होगी। इस कारण 3 लाख बच्चों को ना तो साइकिल मिल पाई, ना ही 117 एंबुलेंस की खरीददारी ही हो पाई। वही 21 हजार टैब पाने से भी छात्र वंचित रह गए। राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास के प्रति कितनी संजीदा है आसानी से समझा जा सकता है। जिस राज्य में टेंडर मैनेज मामले में सरकार के मंत्री, विधायक, सीएम के प्रतिनिधि तक संलिप्त हों, वहां टेंडर मैनेज के खेल से सरकार अनजान कैसे हो सकती है। इसी टेंडर मैनेज को लेकर राज्य के कैबिनेट मिनिस्टर और सीएम के प्रतिनिधि पर एफआईआर तक भी दर्ज हो चुकी है।

चुनौती: कांग्रेस पार्टी पर अपने ही उंगली उठा रहे (congress)

प्रकाश ने कहा कि कितनी दिलचस्प बात है कि ग्रामीण कार्य प्रमंडल लातेहार द्वारा टेंडर की तिथि 23 मार्च निर्धारित है। जबकि 22 मार्च से टेंडर प्रपत्र की बिक्री की जानी है। परंतु बिना टेंडर फाइनल हुए ही सड़क के पहले सतह का काम रातों रात हो जाता है। अपने चहेते ठेकेदारों पर विभाग की महिमा इतनी अपरंपार है कि टेंडर होने के पूर्व ही सारे नियम कायदों को ताक पर रखा जा रहा है। इस क्षेत्र के लिए यह कोई पहला मामला नहीं है। पहले भी 50 लाख रुपए का टेंडर चहेते ठेकेदारों को देने और बालूमाथ की दर्जनों योजनाओं का टेंडर मैनेज करने की बात बताई जा रही है। कहा जा सकता है कि कहीं ना कहीं सारा कुछ हेमंत सरकार के संरक्षण में अंजाम दिया जा रहा है। जो कुछ हो रहा है सब कुछ सरकार के संज्ञान में है। कोई अनाड़ी भी समझ सकता है कि यह सब बगैर अधिकारियों की मिलीभगत से संभव नहीं है ?

मालविका सिन्हा की नृशंसतापूर्ण हत्या दुर्भाग्यपूर्ण, हत्यारों की अविलंब गिरफ्तारी न होने पर जन आंदोलन : डॉ. प्रणव कुमार बब्बू (crime and punishment)

दीपक प्रकाश ने कहा कि जो अधिकारी उपरोक्त मामले में दोषी हैं, अब वही अब कोरम पूरा कर इस मामले की जांच के नाम पर आईवास करने का काम शुरू कर चुके हैं। मुख्यमंत्री जी, अगर आपने थोड़ी भी नैतिकता बची हो तो ऐसे सभी मामलों की ईमानदारी पूर्वक जांच कराकर दोषियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via