देवघर: बाबा बैद्यनाथ मंदिर विवाद में सांसद निशिकांत दुबे पहुचे थाना लेकिन नहीं हुई गिरफ्तारी, FIR, गिरफ्तारी देने थाने पहुंचे दुबे
देवघर: बाबा बैद्यनाथ मंदिर विवाद में सांसद निशिकांत दुबे पहुचे थाना लेकिन नहीं हुई गिरफ्तारी, FIR, गिरफ्तारी देने थाने पहुंचे दुबे….
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!देवघर, 9 अगस्त : झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में कथित तौर पर गर्भगृह में जबरन प्रवेश और धार्मिक परंपराओं के उल्लंघन के आरोप में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी के खिलाफ मंदिर थाना में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है। इस मामले में शनिवार को सांसद निशिकांत दुबे दिल्ली से देवघर पहुंचे और अपनी गिरफ्तारी देने के लिए मंदिर थाना गए, लेकिन पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी से इनकार कर दिया।
मंदिर के पुजारी और पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर ने 7 अगस्त को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि 2 अगस्त 2025 को रात 8:45 से 9:00 बजे के बीच सांसद निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी, उनके पुत्र कनिष्कांत दुबे, शेषाद्रि दुबे और अन्य ने श्रावणी मेले के दौरान वीआईपी/वीवीआईपी प्रवेश पर प्रतिबंध के बावजूद निकास द्वार से गर्भगृह में जबरन प्रवेश किया। शिकायत में कहा गया कि इस दौरान पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की हुई, जिससे मंदिर परिसर में भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हुई और कांचा जल पूजा में व्यवधान उत्पन्न हुआ।
निशिकांत दुबे की प्रतिक्रिया
थाने पहुंचने के बाद निशिकांत दुबे ने कहा, “मैं कोई भगोड़ा नहीं हूं। प्रशासन जब भी बुलाएगा, मैं हाजिर रहूंगा। मैं कानून बनाता हूं और उसका सम्मान करना मेरा धर्म है।” उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “पूजा करने के कारण यह केस है। मेरे खिलाफ अब तक 51 केस दर्ज हो चुके हैं।” दुबे ने यह भी दावा किया कि यह FIR राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है और राज्य सरकार व जिला प्रशासन उन्हें परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “बाबा बैद्यनाथ के आशीर्वाद से हम प्रशासन को उनकी गलती का एहसास कराएंगे।”
संसद में उठाएंगे सवाल
निशिकांत दुबे ने कहा कि उन्होंने धारा 105 के तहत झारखंड के डीजीपी, मुख्य सचिव, देवघर के डीसी और एसपी के खिलाफ संसद में सवाल उठाया है, जिसकी सुनवाई सोमवार को होगी। उन्होंने कहा, “अब दिल्ली में इन सभी अधिकारियों से सवाल पूछे जाएंगे।”
झारखंड भाजपा का समर्थन
झारखंड भाजपा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस मामले में निशिकांत दुबे का समर्थन करते हुए कहा, “झारखंड पुलिस के कुछ अफसर नीचता की सारी हदें पार कर रहे हैं। यह साजिश साफ दिखाती है कि मामला पूरी तरह राजनीतिक है।” मरांडी ने पुलिस पर साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्दी का मतलब जनता की रक्षा है, न कि व्यक्तिगत वैमनस्यता को बढ़ावा देना।
क्या है पूरा मामला?
श्रावण मास के दौरान बाबा बैद्यनाथ मंदिर में लाखों कांवड़िये जल चढ़ाने आते हैं। भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए प्रशासन ने वीआईपी/वीवीआईपी प्रवेश पर रोक लगा रखी थी। शिकायतकर्ता कार्तिक नाथ ठाकुर ने आरोप लगाया कि सांसदों ने नियम तोड़कर गर्भगृह में प्रवेश किया, जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची और मंदिर में अराजकता फैली। इस घटना का वीडियो भी पुलिस को सौंपा गया है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, धार्मिक परंपराओं में बाधा डालने, सरकारी कार्य में रुकावट और पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई के आरोप शामिल हैं। हालांकि, पुलिस ने अभी तक गिरफ्तारी नहीं की है और मामले की जांच जारी है।
श्रावण मेला और मंदिर का महत्व
बाबा बैद्यनाथ धाम, देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, श्रावण मास में कांवड़ियों का प्रमुख केंद्र होता है। बिहार के सुल्तानगंज से 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर लाखों श्रद्धालु गंगाजल अर्पित करने आते हैं। इस साल अब तक करीब 55 लाख कांवड़िये मंदिर में जल चढ़ा चुके हैं।
जाहिर है यह विवाद न केवल धार्मिक, बल्कि राजनीतिक रूप से भी चर्चा में है, क्योंकि इसे बिहार और झारखंड की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। मामले की जांच और संसद में होने वाली सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।







