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साहिबगंज: चलती मालगाड़ी पर नाबालिगों की जानलेवा स्टंटबाजी, कोयला चोरी का वीडियो वायरल, देखे वीडियो…

साहिबगंज: चलती मालगाड़ी पर नाबालिगों की जानलेवा स्टंटबाजी, कोयला चोरी का वीडियो वायरल, देखे वीडियो…

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साहिबगंज, 22 अगस्त: झारखंड के साहिबगंज जिले में एक चौंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें 13-14 साल के नाबालिग बच्चे चलती मालगाड़ी पर जानलेवा स्टंट करते नजर आ रहे हैं। यह नजारा किसी फिल्मी सीन से कम नहीं, लेकिन हकीकत में यह बेहद खतरनाक और मौत को दावत देने वाला है। इन बच्चों की पीठ पर कोयला चोरी करने का सामान बंधा हुआ है, और वे तेज रफ्तार मालगाड़ी की बोगियों पर कूदते, छलांग लगाते और संतुलन बनाते दिख रहे हैं। इस वीडियो ने न केवल कोयला माफिया के काले कारनामों को उजागर किया है, बल्कि एनटीपीसी की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक नाकामी पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

कोयला चोरी का खतरनाक खेल

जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो साहिबगंज के बरहरवा-पतना एमजीआर (मेरी-गो-राउंड) रेलवे लाइन का है, जहां ललमटिया से कोयला लादकर मालगाड़ी एनटीपीसी फरक्का तक जाती है। रास्ते में मोती पहाड़ी, तेलो, फुलभंगा, सोनाजोड़ी, धोबडीहा, इमली चौक और शिवापहाड़ जैसे इलाकों में कोयला माफिया सक्रिय हैं। ये माफिया नाबालिग बच्चों को अपने गिरोह का हिस्सा बनाकर ट्रेन को धीमा करने या रोकने की रणनीति अपनाते हैं। बच्चे चलती ट्रेन पर चढ़कर कोयला नीचे फेंकते हैं, जिसे बाद में स्थानीय लोग इकट्ठा कर बाजारों में बेचते हैं।

वायरल वीडियो में बच्चे न केवल जान जोखिम में डालकर स्टंट कर रहे हैं, बल्कि उनके पास कोयला चोरी के लिए विशेष उपकरण भी दिखाई दे रहे हैं। यह दृश्य न केवल खतरनाक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कोयला माफिया कितने संगठित और बेखौफ हो चुके हैं।

एनटीपीसी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

इस घटना ने एनटीपीसी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। इस रेलवे लाइन पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की तैनाती के बावजूद, कोयला चोरी की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि निगरानी की कमी, स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय की कमी और माफिया के साथ कथित साठगांठ के कारण यह समस्या बढ़ रही है।

पिछले कुछ वर्षों में कोयला चोरी के कई मामले सामने आए हैं। उदाहरण के लिए, शहडोल में 2023 में एक बंद पड़ी खदान में चोरी के इरादे से घुसे चार लोगों की दम घुटने से मौत हो गई थी। इसी तरह, कोरबा की दीपका-गेवरा माइंस में 2022 में कोयला चोरी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए थे। इन घटनाओं से साफ है कि कोयला चोरी एक संगठित अपराध बन चुका है, जिसमें नाबालिगों का इस्तेमाल चिंता का विषय है।

नाबालिगों का शोषण और सामाजिक चुनौती

यह वीडियो न केवल कोयला चोरी की समस्या को उजागर करता है, बल्कि नाबालिगों के शोषण की गंभीर समस्या को भी सामने लाता है। इन बच्चों को कोयला माफिया द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है और खतरनाक कामों में झोंक दिया जाता है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि गरीबी, शिक्षा की कमी और बेरोजगारी के कारण ये बच्चे माफिया के जाल में फंस रहे हैं।

साहिबगंज में पहले भी नाबालिगों को चोरी के लिए प्रशिक्षित करने के मामले सामने आ चुके हैं। 2021 में, महाराजपुर नयाटोला के एक व्यक्ति पर बच्चों को मोबाइल चोरी का प्रशिक्षण देने और उन्हें दिल्ली जैसे महानगरों में चोरी के लिए भेजने का आरोप लगा था। यह दर्शाता है कि नाबालिगों का अपराध में इस्तेमाल एक पुरानी समस्या है, जिस पर प्रशासन को गंभीरता से ध्यान देना होगा।

प्रशासन की चुप्पी और कार्रवाई की मांग

वायरल वीडियो के बाद स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर सक्रिय यूजर्स ने प्रशासन और एनटीपीसी प्रबंधन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। कुछ लोगों ने इस घटना को सामाजिक और कानूनी विफलता का प्रतीक बताया है। X पर एक यूजर ने लिखा, “यह सिर्फ कोयला चोरी नहीं, बल्कि बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ है। प्रशासन और एनटीपीसी को जवाब देना होगा।”

हालांकि, साहिबगंज पुलिस और एनटीपीसी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

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