सुंडील की महिलाओं ने श्रमदान से बनाई 265 फीट की सड़क, सरकारी तंत्र को दिखाया आईना

सुंडील की महिलाओं ने श्रमदान से बनाई 265 फीट की सड़क, सरकारी तंत्र को दिखाया आईना
सिल्ली, रांची: जहाँ सरकारी योजनाएँ और ठेकेदार वर्षों से नाकाम रहे, वहाँ रांची के सुंडील गाँव की महिलाओं ने अपनी हिम्मत और एकजुटता से एक मिसाल कायम की है। गाँव की महिलाओं ने श्रमदान और चंदे से 265 फीट लंबी सड़क का निर्माण कर लिया, जो सुंडील और कोचों गाँव को जोड़ती है। इस सड़क ने न केवल दोनों गाँवों के बीच आवागमन को सुगम बनाया, बल्कि सामुदायिक एकता की ताकत को भी प्रदर्शित किया।गाँव वालों के अनुसार, आज़ादी के बाद से इस सड़क का निर्माण कई बार प्रस्तावित हुआ और शिलान्यास भी हुए, लेकिन हर बार जमीन विवाद के बहाने काम रुक गया। नतीजतन, ग्रामीणों को बरसों तक कीचड़ भरे और दुर्गम रास्तों से गुजरना पड़ा। जब सरकारी मदद की उम्मीदें धूमिल होने लगीं, तब गाँव की महिलाओं ने ठान लिया कि अब और इंतज़ार नहीं—वे खुद ही सड़क बनाएँगी।
चंदे से जुटाई राशि, एकता से पूरा किया काम
गाँव के लगभग हर घर ने चंदा दिया। बाहर काम करने वाले परिवारों ने भी आर्थिक सहयोग भेजा। इस राशि से निर्माण सामग्री, मशीनें और मजदूरों का खर्च जुटाया गया। जब निर्माण शुरू हुआ, तो कुछ लोग विरोध करने आए, लेकिन महिलाओं की एकजुटता और दृढ़ संकल्प के सामने उनकी एक न चली। आश्चर्यजनक रूप से, मात्र एक दिन में सड़क की ढलाई पूरी कर दी गई, और सड़क बनकर तैयार हो गई।
ग्रामीणों के लिए नई राह, प्रेरणा का प्रतीक
जाहिर है यह सड़क न केवल आवागमन को आसान बनाएगी, बल्कि गाँव की महिलाओं के साहस और सामूहिक प्रयासों को भी हमेशा याद रखा जाएगा। इस पहल ने सरकारी तंत्र को आईना दिखाया है कि अगर समुदाय एकजुट हो जाए, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।
यह कहानी न केवल सुंडील गाँव की है, बल्कि उन सभी ग्रामीण समुदायों के लिए प्रेरणा है, जो बदलाव के लिए दूसरों का इंतज़ार करते हैं। सुंडील की महिलाओं ने साबित कर दिया कि हिम्मत और एकता के साथ हर मुश्किल को आसान बनाया जा सकता है।





