चाईबासा में एचआईवी संक्रमित रक्त कांड पर सुदेश महतो का हमला : कहा, सरकारी तंत्र की अमानवीय लापरवाही उजागर
आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित पाँच बच्चों को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने की घटना को राज्य सरकार की घोर लापरवाही और संवेदनहीनता करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह केवल मानवीय भूल नहीं, बल्कि सरकारी तंत्र की अमानवीय असफलता का उदाहरण है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सुदेश महतो ने कहा कि जिस व्यवस्था से जनता अपने जीवन की सुरक्षा की उम्मीद रखती है, वही अब भय और अविश्वास का कारण बन चुकी है। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय और पारदर्शी जांच कराए तथा दोषियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा, “यह घटना केवल पाँच बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं, बल्कि झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पर जनता के विश्वास और सुरक्षा के अधिकार का प्रश्न है।”
सुदेश महतो ने यह भी कहा कि झारखंड की जनता आज भी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए राज्य से बाहर जाने को मजबूर है। ऐसे में जब गरीब परिवार अपने बच्चों के लिए न्यूनतम उम्मीद रखते हैं कि राज्य का स्वास्थ्य तंत्र जीवन रक्षक उपचार मुहैया कराएगा, तब चाईबासा में हुई यह घटना अत्यंत दुखद और असहनीय है।
उन्होंने सवाल उठाया कि संक्रमित रक्त आखिर आया कहाँ से, जांच प्रक्रिया में इतनी गंभीर चूक कैसे हुई, और घटना के बाद भी अब तक जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई।
सुदेश महतो ने कहा कि केवल दो लाख रुपये मुआवज़े की घोषणा सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाती है। इससे पीड़ित परिवारों को कोई वास्तविक न्याय नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में स्वास्थ्य विभाग और संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करना अनिवार्य है, ताकि भविष्य में ऐसी अमानवीय घटना दोबारा न हो।







