अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसा: AAIB की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद एयर इंडिया की उड़ान AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के 241 लोगों की मौत हो गई थी, साथ ही जमीन पर 19 लोगों की जान चली गई थी। भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने इस हादसे की अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!दोनों इंजनों का अचानक बंद होना :
AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, विमान के टेकऑफ के 65 सेकंड बाद दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच एक के बाद एक, एक सेकंड के अंतराल में, “RUN” से “CUTOFF” स्थिति में चले गए। इससे इंजनों को ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई, जिसके परिणामस्वरूप दोनों इंजन हवा में ही बंद हो गए।
पायलटों के बीच बातचीत :
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) से पता चला कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उन्होंने इंजनों की ईंधन आपूर्ति क्यों बंद की, जिसका जवाब दूसरे पायलट ने नकारते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं किया। यह संकेत देता है कि इंजन बंद होने की घटना अप्रत्याशित थी।
तकनीकी खराबी की संभावना :
जांच में संभावित तकनीकी खराबी पर ध्यान केंद्रित किया गया है, विशेष रूप से इंजन और हाइड्रोलिक सिस्टम से संबंधित। विमान के लैंडिंग गियर के आंशिक रूप से पीछे हटने और गियर दरवाजों के नहीं खुलने से बिजली या हाइड्रोलिक सिस्टम की विफलता की संभावना जताई जा रही है।
हादसे के बाद विमान के दोनों ब्लैक बॉक्स (कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) 13 और 16 जून को दुर्घटना स्थल से बरामद किए गए थे। इनका डेटा दिल्ली में AAIB की प्रयोगशाला में 25 जून तक सफलतापूर्वक डाउनलोड कर लिया गया। जांच में अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB), यूके की सिविल एविएशन अथॉरिटी (CAA), और बोइंग के विशेषज्ञ भी शामिल हैं।
12 जून को दोपहर 1:39 बजे, लंदन-गैटविक जा रहा बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान, टेकऑफ के 32 सेकंड बाद ही अहमदाबाद के मेघानी नगर में बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य सवार थे। इस हादसे में केवल एक यात्री, 40 वर्षीय ब्रिटिश-भारतीय विशवास कुमार रमेश, जीवित बचे, जो इमरजेंसी एग्जिट के पास बैठे थे।
AAIB की जांच अभी जारी है, और अंतिम रिपोर्ट अगले साल 12 जून तक आने की उम्मीद है। जांच में संभावित तकनीकी खराबी, मानवीय त्रुटि, और यहां तक कि तोड़फोड़ की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है।




