झारखण्ड में जिसकी होगी सरकार, उसी का होगा बाजार समिति पर अधिकार।
देश में किसानो की आमदनी को बढ़ने के लिए और विपणन के क्षेत्र में सुधार लेन के लिए केंद्र सरकार की तरफ से तैयार मॉडल अधिनियम कृषि उपज एवं पशुधन विपणन अधिनियम में झारखण्ड राज्य सरकार द्वारा संसोधन किया जा रहा है। जिसके बाद राज्य में जिस भी पार्टी की सरकार होगी उनका ही अधिकार बाजार समिति पर रहेगा। बर्तमान में राज्य में किसी भी जिले की बाजार समिति का अध्यक्ष उस जिले का एसडीएम होते है। लेकिन कैबिनेट में यह प्रस्ताव पास होने के बाद बाज़ार समिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर सरकारी अधिकारी नहीं बल्कि कोई आम व्यक्ति या जनप्रतिनिधि होगा।
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केंद्र के कृषि उपज और पशुधन विपणन अधिनियम में राज्य सरकार फेर बदल कर रही है. बदलाव बाजार समिति के अध्यक्ष पद को लेकर किया जाना है. गौतलब बात ये ही की, केंद्र सरकार के द्वारा नियम बनाया गया है कि बाजार समिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव मतदान के माध्यम से होगा,और बाजार समिति के सदस्य इस चुनाव में हिस्सा लेंगे.अध्यक्ष और उपाध्यक्ष इन दोनों ही पदों के लिये मतदान कराया जाना था. लेकिन राज्य सरकार इसमें अब बदलाव करने जा रही है. विभाग की तरफ से ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया गया है. आगामी कैबिनेट में यह प्रस्ताव आने वाला है. तैयार प्रस्ताव के मुताबिक बाजार समिति का अध्यक्ष सरकार की तरफ से तय किया जाएगा. सरकार किसी भी आम आदमी या जनप्रतिनिधि को इस पद पर बैठा सकती है. मतदान सिर्फ उपाध्यक्ष के पद के लिए ही होगा.
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