झारखंड में फिर मंडराने लगा कोयला संकट,DVC और TVNL के पास मात्र 4 से 5 दिनों का स्टॉक बाकि ।
तीन दिन की हुई लगातार बारिश के बाद झारखंड के पावर प्लांटों में फिर से कोयला की कमी का संकट मंडराता हुआ दिखा रहा है। राज्य के किसी भी पावर प्लांट में कोयला का स्टॉक बचा नहीं है , जबकि आम तौर पर हर पावर प्लांट के पास न्यूनतम 25 दिनों का कोयला स्टॉक उपलभ्ध रहता है,लेकिन झारखण्ड के DVC के पावर प्लांट के पास मात्रा 4 से 6 दिनों का ही कोयला बचा हुआ है। वही टीवीएनएल में भी मात्र दो से तीन दिन का ही कोयला स्टॉक बचा हुआ है,जिसकी वजह से टीवीएनएल की एक ही यूनिट अभी चालू है, और अगर टीवीएनएल की कोयले की आपूर्ति नहीं हुई तो चालू यूनिट को भी बंद करना पड़ सकता है।
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कोयले की कमी की वजह से राज्य में सभी पावर प्लांटों में विद्युत उत्पादन भी घट कर आधी रह गई है.जहा झारखंड में एनटीपीसी द्वारा 700 मेगावाट बिजली मिलती थी, वहा केवल मात्र 400 मेगावाट बिजली ही एनटीपीसी से मिल रही है। बिजली कंपनियां बीसीसीएल और सीसीएल से बार बार गुहार लगा रही हैं झारखंड के बिजली वितरण निगम ने बताया है कि एनटीपीसी के बाढ़ और फरक्का में भी कोयले की कमी से उत्पादन कम हो रहा है, जिसका खामियाजा झारखण्ड के ग्रामिड़ इलाके में लोड शैडिंग कर के पूरा किया जा रहा है।
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डीवीसी के अधिकारियों ने बताया कि बारिश के वजह से ही फिर से कोयला आपूर्ति घटा दी गयी, सभी पावर प्लांट अपनी क्षमता से 75 % ही उत्पादन कर रहे हैं,जिसके वजह से स्टॉक लेवल भी कम है। अधिकारियो के अनुसार डीवीसी के केटीपीएस की क्षमता 1000 मेगावाट की है, जहा हर रोज 11 हजार मीट्रिक टन कोयले की जरूरत पड़ती है, जबकि मात्र 6000 से 7000 मीट्रिक टन कोयला मिल रहा है।