वर्तमान सरकार जाति धर्म देखकर कार्य नहीं करती : हेमन्त सोरेन.
लखनगढ़िया/मधुपुर/देवघर : वर्तमान सरकार जाति- धर्म देखकर कार्य नहीं करती। किसानों का अगर ऋण माफ हुआ तो उसमें हिंदू भी हैं, मुस्लिम भी हैं, आदिवासी भी हैं। पशुधन योजना का लाभ किसी खास जाति को नहीं मिल रहा है। सभी जाति के लोग इससे लाभान्वित हो रहे हैं। 15 लाख नए राशन कार्ड से आच्छादित लोगों में भी किसी खास जाति या धर्म के लोगों लोग लाभान्वित नहीं हुए, बल्कि सभी वर्ग के लोगों को लाभ दिया गया है।
सभी को छत चाहिए, सभी को अनाज चाहिए और यह कार्य जाति-धर्म के नाम पर नहीं किया जा सकता। लेकिन आपके बीच में जाति और धर्म के नाम पर बांटने के लिए लोग आयेंगे। बस आपको जागरूक होकर लोकतंत्र के इस महापर्व के माध्यम से उन्हें मुंहतोड़ जवाब देना है। ये बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन सह झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष ने मधुपुर उपचुनाव को लेकर देवघर प्रखंड के लखनगढ़िया मैदान में आयोजित जनसभा में कही।
बोरो प्रत्याशी और दलबदलू बने प्रचारक
हेमन्त सोरेन ने कहा कि मधुपुर उपचुनाव में 6 प्रत्याशी हैं। बीजेपी का प्रत्याशी आयात किया हुआ है, जिसे खरीद कर खड़ा किया है और वह दलबदलू नेता की बदौलत चुनाव जीतने आया है। यह हास्यप्रद ही है कि प्रत्याशी खरीदा हुआ और प्रचार करने वाले सभी नेता भी दलबदलू हैं। इन्हें अपने घर- द्वार का पता नहीं। उनको मधुपुर का प्रत्याशी बनाया गया है। मधुपुर को वे चारागाह समझ रहे हैं, ताकि झारखंड की तरह इसे भी वे बर्बाद कर दें। ये सभी एजेंट हैं जो आपका वोट लेकर गोवा में फेंक देगा।
राज्य के लिए लड़े, राज्य के लिए मरेंगे
हेमन्त सोरेन ने कहा कि महामारी के दौरान केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार को आप सभी ने देखा कि कैसे उन्होंने श्रमिकों को सड़कों और रेल की पटरियों पर कटने के लिए छोड़ दिया। यह पूंजीपतियों की जमात है, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा जब तक इस राज्य में जीवित है। तब तक झारखंड के किसी भी कोने में टेढ़ी नजर रखने नहीं दिया जाएगा। 20 साल तक झारखंड को तहस-नहस करने का काम इन्होंने किया है। लेकिन 2019 के चुनाव में जनता ने इन्हें सबक सिखा दिया और इस डबल इंजन की सरकार को नदी में फेंक दिया। जिसका परिणाम है आज आप की सरकार है। इस सरकार में आप बैठे हैं। हम आंदोलन में जान देते हैं। ऐसे ही कोरोना संक्रमण काल में मधुपुर के विधायक सह मंत्री की जान गई और एक जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। ये लोग भी चाहते तो कोरोना संक्रमण काल में किसी पांच सितारा होटल में बैठकर आराम करते। लेकिन झारखंड वासियों की सुरक्षा इनके लिये सर्वोपरि रही।
विकास करना हमारी प्राथमिकता
हेमन्त सोरेन ने कहा कि हमें मधुपुर के गांव और पंचायत का विकास करना है। हर खेत में पानी, हर घर में शुद्ध पेयजल, सभी बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और युवाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था करनी है। यही वजह है कि कोरोना संक्रमण काल में भी झारखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था कैसे मजबूत हो इसको प्राथमिकता देते हुए कई योजनाओं को शुरू किया गया।
क्यों नहीं खिलाड़ियों को दी नियुक्ति, योजना क्यों कर दी बंद
हेमन्त सोरेन ने कहा कि मधुपुर विधानसभा उपचुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से हफीजुल हसन आपके बीच हैं। इनके विभाग द्वारा राज्य गठन के बाद पहली बार 24 जिला खेल पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई। हमने खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति दी है। आखिर 20 वर्षों तक यहां राज करने वाली सरकार ने क्या किया? अभावग्रस्त खिलाड़ियों को सीधे नियुक्त क्यों नहीं कर पाई। इनकी कथनी और करनी में बड़ा फर्क है।
हेमंत सोरेन ने कहा कि 2014 में कुछ दिनों के लिए सरकार का गठन हुआ था। उस समय गरीबों के लिए धोती साड़ी योजना शुरू की गई थी। लेकिन बीजेपी की सरकार ने उसे बंद कर दिया और गरीबों को इस योजना से वंचित होना पड़ा। उस योजना को पुनः शुरू किया गया है अब हर गरीब को 10 रुपये में धोती साड़ी योजना का लाभ मिलेगा।