Deoghar News :-देवघर में महाशिवरात्रि की कैसी है तैयारी:क्या है परंपरा कितनी भव्य होगी शिवबारात, किस रास्ते निकलेगी बारात ?
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Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!Drishti Now Ranchi
महाशिवरात्रि के दिन की तैयारी में (देव नगरी) देवघर अभी से जगमगा रही है। चारो तरफ रंग बिरंगी रोशनी, सड़कों पर बड़े- बड़े तोरणद्वार और कई चौक चौराहों पर शिव भजन और भक्तिमय वातावरण महाशिवरात्रि के पहले से देवघर का माहौल भक्तिमय हो चला है। दूसरी तरफ शिव बारात महोत्सव समिति कई मामले को लेकर अब भी आमने- सामने है। सहमति इतनी बढ़ी की सांसद ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
शिव बारात किस रास्ते से
शिव बारात किस रास्ते से निकलेगा इसे लेकर शिव बारात आयोजन समिति और प्रशासन के बीच अब भी सहमति नहीं बन सकी है। प्रशासन जिस रास्ते से शिव बाराज निकालने की तैयारी कर रहा है। उस रास्ते पर सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी कार प्रवेश कर एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा इस रास्ते से मेरी गाड़ी मुश्किल से निकल पाती है, बारात कैसे निकलेगी। प्रशासन भी इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए कहा, हम बारात निकालने पर रोक नहीं लगा रहे हम बेहतर सुविधा के लिए फैसले ले रहे हैं।सांसद इस मामले को लेकर कोर्ट चले गये हैं। एक तरफ यह रस्साकशी है, तो दूसरी तरफ देवघर में महाशिवरात्री की भव्य तैयारी।
बाबा बैद्यनाथ जी के बारातियों के स्वागत के लिए देवघर है तैयार,बस अब आपका है इंतज़ार,बाघ,शेर,भूत,प्रेत सभी आप बारातियों के दर्शन को बेक़रार pic.twitter.com/sKZkeCRoq1
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) February 16, 2023
रंगीन रोशनी में नहाया देवघर
रंगीन बल्बों की रौशनी में कई जगहों पर जिराफ समेत कई जानवर, कई बेहतरीन कलाकृति लोगों का ध्यान खींच रही है। शिव बारात को आकर्षक रूप देने में शिवरात्रि महोत्सव समिति के कार्यकारी अध्यक्ष और मशहूर कलाकार मार्कंडेय जजवाड़े ने दिन रात एक कर दिया है। शिव बारात को लेकर रूट लाइन, प्रमुख सार्वजनिक जगहों को सजाने के लिए देवघर नगर निगम की टीम भी आगे बढ़कर काम कर रही है। निगम के वार्ड क्षेत्र में 11 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें लगायी गयीं हैं। शिव बारात रूट में ही करीब 20 फीसदी लाइटें लगी हैं।
मंदिर के गर्भ गृह में लगा जैमर
बाबा मंदिर के गर्भ गृह में मंदिर प्रशासन ने जैमर लगाया है। यहां मोबाइल फोन का नेटवर्क काम नहीं करेगा। मंदिर के गर्भ गृह में मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करना है। आये दिन देखा जा रहा था कि बड़ी संख्या में लोग बाबा मंदिर के गर्भ गृह के चारों तरफ खड़े होकर फेसबुक लाइव के अलावा सोशल मीडिया पर लाइव टेलिकास्ट करते हैं। इसे रोकने के लिए मंदिर प्रशासन ने यह फैसला लिया है।
प्रशासन की तैयारी
डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने कहा, श्रद्धालुओं को बेहतर जलार्पण की सुविधा देना प्रशासन की प्राथमिकता है। इसलिए एनडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग, दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारियों मुस्तैद रहें।उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि महाशिवरात्रि के दिन किसी भी तरह की वीआइपी सुविधा या आउट ऑफ टर्न दर्शन या जलार्पण करने की सुविधाओं पर प्रतिबंध रहेगा। डीसी ने संबंधित विभाग के अफसरों को निर्देश दिया कि सड़कों के अगल-बगल अतिक्रमण करने वालों से जुर्माना वसूलें।
भारी भीड़ और आपात स्थिति से निपटने की तैयारी
महाशिवरात्रि के दिन बाबा मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होगी। शिव बारात में शिव भक्तों को आपात स्थिति में स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए बाबा मंदिर, क्यू कॉम्प्लेक्स, बीएड कॉलेज और पुराना सदर अस्पताल में डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी लगायी गयी है।बाबा मंदिर में इको एंबुलेंस, नगर थाना परिसर में 108 एंबुलेंस, पुराना सदर अस्पताल में 108 एंबुलेंस के साथ दो एंबुलेंस के अलावा केके एन स्टेडियम, नेहरू पार्क, बीएड कॉलेज और जिला नियंत्रण कक्ष देवघर में एक-एक एंबुलेंस आपात स्थिति से निपटने के लिए मौजूद होगी।
क्या होगा मुख्य आकर्षण
शिव बारात में इस बार मुख्य आकर्षण के तौर पर शामिल होने वाले मानव दैत्य एवं जी-20 की झांकी का ढ़ांचा तैयार कर लिया गया है. इसके अलावा देवता भूत-बैताल भी इस बारात का हिस्सा होंगे। 2 साल वैश्विक महामारी के बीच शिव बारात का आयोजन नहीं हो पाया था। इस बार तैयारी जोरों पर है और भव्य आयोजन की सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है।
क्या मंदिर की परंपरा
आज बाबा मंदिर और पार्वती मंदिर के पंचशूल को उतारा जायेगा। दोनों का मिलन कराया जाता है। शिवरात्रि के एक दिन पहले पूरी विधि विधान के साथ सभी 22 मंदिरों के पंचशूल की पूजा अर्चना के बाद उसे मंदिर के शीर्ष पर स्थापित कर दिया जाता है। देवघर बाबा मंदिर विश्व का इकलौता शिवालय है, जहां पर त्रिशूल की जगह पंचशूल होता है। शिवरात्रि के दिन श्रद्धालु उपवास रखते हैं और बेटियों की शादी के लिए मनौती के रूप में बाबा भोलेनाथ को मोर मुकुट भी चढ़ाते की परंपरा है। रात्रि में बेला भगवान भोले की चार पहर की पूजा होती है और सिंदूरदान जैसी वैवाहिक परंपरा भी निभाई जाती है। देवघर बाबा नगरी शक्ति पीठ भी है, यहां शिव और शक्ति एक साथ विराजमान है।







