Earthquake : म्यांमार में आए भूकंप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए हर संभव मदद का ऐलान किया है
थाईलैंड और म्यांमार में को आए विनाशकारी भूकंप ने दोनों देशों में भारी तबाही मचाई। खबरों के मुताबिक म्यांमार और थाईलैंड के कई प्लेटो को रद्द कर दिया गया है भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाईलैंड को म्यांमार को या भरोसा जताया है कि वह इस दुख की घड़ी में हर मदद को तैयार है।
आई खबर को विस्तार से जानते हैं
भूकंप का विवरण
- तीव्रता और समय: संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, म्यांमार में 7.7 और 7.5 तीव्रता के दो बड़े भूकंप आए। पहला झटका स्थानीय समयानुसार दोपहर 12:50 बजे (IST में सुबह 11:50 बजे) और दूसरा इसके कुछ मिनट बाद आया।
- केंद्र: भूकंप का केंद्र म्यांमार के सागाइंग शहर से 16 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में, जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर था।
- प्रभाव क्षेत्र: झटके म्यांमार, थाईलैंड, चीन, बांग्लादेश और भारत के कुछ हिस्सों में महसूस किए गए। खास तौर पर थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक और म्यांमार के मांडले और नेपीडॉ में भारी असर देखा गया।
तबाही का मंजर
म्यांमार:
- नुकसान: मांडले में इरावदी नदी पर बना ऐतिहासिक अवा पुल ढह गया। सागाइंग और अन्य क्षेत्रों में इमारतें जमींदोज हो गईं, सड़कें टूट गईं, और बुनियादी ढांचे को भारी क्षति पहुंची।
- हानि: अब तक 15 से 25 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, लेकिन स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार मरने वालों की संख्या सैकड़ों या हजारों तक हो सकती है। हजारों लोग लापता बताए जा रहे हैं।
- बचाव कार्य: म्यांमार, जो पहले से ही गृहयुद्ध से जूझ रहा है, ऐसे में राहत कार्य तो जरूर शुरू हो गए हैं, लेकिन चुनौतियां बहुत हैं।
थाईलैंड:
- बैंकॉक में स्थिति: बैंकॉक में एक निर्माणाधीन 30 मंजिला इमारत ढह गई, जिसमें कम से कम 2 लोगों की मौत हुई और 43 मजदूर मलबे में फंस गए। चतुचक मार्केट के पास यह घटना दिल दहला देने वाली थी।
- आपातकाल: थाईलैंड की प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न शिनावात्रा ने बैंकॉक में आपातकाल घोषित किया। मेट्रो, रेल सेवाएं और उड़ानें रद्द कर दी गईं।
- प्रत्यक्षदर्शी: वायरल खबर के अनुसार एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हर कोई डरा हुआ है, बच्चे भूखे हैं, लोग घरों के बाहर बैठे हैं। स्थिति बहुत खराब है।”
भारत और अन्य क्षेत्र:
- भारत: कोलकाता, इंफाल, मेघालय और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में हल्के झटके महसूस किए गए, लेकिन अभी तक बड़े नुकसान की खबर नहीं है।
- चीन और बांग्लादेश: युन्नान और ढाका में भी झटके महसूस हुए, बांग्लादेश में तीव्रता 7.3 मापी गई।
भारत की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपदा पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा और खुशहाली के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।” भारतीय अधिकारियों को तैयार रहने और विदेश मंत्रालय को प्रभावित देशों के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया गया है।
भूकंप का कारण
वैज्ञानिकों के अनुसार, यह भूकंप सागाइंग फॉल्ट लाइन पर हुआ, जो म्यांमार के मध्य से गुजरती है। यह क्षेत्र भूकंपीय रूप से सक्रिय है, और 1946 व 2012 में भी यहाँ बड़े भूकंप आ चुके हैं। टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल ने इस तबाही को जन्म दिया।
वर्तमान स्थिति
- दोनों देशों में बचाव कार्य जारी हैं। बैंकॉक में लोग ऊंची इमारतों से बाहर सड़कों पर हैं, वहीं म्यांमार में दूरदराज के इलाकों से जानकारी अभी तक पूरी तरह नहीं मिल पाई है।
- विशेषज्ञों ने अगले 24 घंटों में और झटकों की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
यह भूकंप दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता की अपील की जा रही है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है, और जैसे-जैसे नई जानकारी आएगी, उसे अपडेट किया जाएगा।