H3N2:-स्वास्थ्य महकमे में मचा हड़कंप:राजधानी के अस्पतालों में 40 फीसदी तक बढ़े एच3एन2 के लक्षण वाले रोगी, रिम्स में 24 पेशेंट पहुंचे
H3N2
प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
झारखंड में एच3एन2 वायरस से मिलते-जुलते लक्षण वाले मरीज मिलने के बाद भी यहां जांच नहीं हो रही है. सोमवार तक झारखंड से एक भी संदिग्ध व्यक्ति का इन्फ्लुएंजा परीक्षण के लिए नमूना नहीं लिया गया था। जबकि सोमवार को ही रिम्स की मेडिसिन ओपीडी में फ्लू जैसे लक्षण वाले एक दर्जन से अधिक मरीज पहुंचे थे.
वे सभी दस दिनों से अधिक समय से बीमार थे। आज राजधानी में वायरल के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। बुखार, सर्दी और खांसी के मरीजों में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे मामले में उसे वास्तव में इन्फ्लूएंजा नहीं हो सकता है।
ओपीडी में मरीजों ने बताया अपना हाल
इलाज के लिए आए ओरमांझी के एक मरीज इमैनुएल को 2 मार्च से बुखार, सर्दी और शरीर में असहनीय दर्द की शिकायत है। पूरे शरीर में कमजोरी है। एक सप्ताह से गले में खराश के बाद कफ निकल रहा है। नाक में लगातार रुकावट आ जाती है। डॉक्टर ने टेस्ट और दवाइयां लेने की सलाह दी है।
तीन दिन बाद बुलाया। दूसरी ओर इटकी निवासी सुनीता कुमारी ने दावा किया कि वह 5 मार्च से एक वायरल बीमारी से जूझ रही है। ठंडा पेय पीने के बाद, ठंड लगने के बाद बुखार आया, लेकिन नौ दिन बाद भी बुखार उतर गया। नाम नहीं लिया।
डॉक्टरों ने कहा… कोरोना नियमों का दोबारा पालन जरूरी
रिम्स के फिजिशियन डॉ. विद्यापति और श्वास रोग विभाग के हेड डॉ. ब्रजेश मिश्रा के अनुसार इन लक्षणों के साथ आने वाले मरीजों में एच3एन2 वायरस होने की संभावना 60 फीसदी के करीब है। हर साल इस तरह के वायरस के मामले सामने आते हैं। पहले भी एच1एन1 और एच2एन1 जैसे वायरस के मामले सामने आए हैं। मगर इस साल आए नए एच3एन2 इन्फ्लुएंजा वायरस पहले के वायरसों के मुकाबले तेजी से फैल रहा है।
अभी भी कई लोग इसे सामान्य वायरल मानकर ही खुद ही घर पर इलाज कर रहे हैं। इसे लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को अलर्ट जारी किया है। इन लक्षणों वाले मरीजों की जांच कराने को भी कहा गया है। साथ ही कोरोना नियमों का दोबारा से पालन करने की सलाह भी दी गई है।
बिना सलाह दवाई लेना खतरनाक
केंद्र से निर्देश मिलने के बाद राज्य में भी स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया। इसमें कहा है कि अभी स्थिति सामान्य है। लेकिन लक्षण होने पर जांच जरूर कराएं। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाई न खाएं। जो मरीज इन्फ्लुएंजा-ए वायरस के एच3एन2 स्ट्रेन से संक्रमित हैं, उनमें 7-8 दिनों तक तेज बुखार रहता है।