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राजेंद्र बाबू के विचार आज सबसे अधिक प्रासंगिक : कायस्थ महासभा

भारतरत्न डॉ.राजेन्द्र प्रसाद की 136 वी जयन्ती पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा द्वारा समारोह का आयोजन, जोहार चित्रांश पत्रिका का विमोचन.

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रांची 3 दिसम्बर. सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, भारतीय संविधान के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देनेवाले देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ.राजेन्द्र प्रसाद की 136 वी जयन्ती के अवसर पर आज राजधानी रांची के राजेन्द्र चौक, डोरंडा में उनकी आदमकद प्रतिमा के समक्ष अपराह्न पाँच बजे से एक समारोह का आयोजन कर उन्हें फूल-माला अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी और उनके मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया.

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अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, झारखण्ड प्रदेश तथा अन्य संगठनों के द्वारा आयोजित इस जयन्ती कार्यक्रम के तहत ज्योति पर्व एवं उत्सव में डॉ.राजेन्द्र प्रसाद की जयन्ती के अवसर पर विशेष रूप से प्रकाशित पत्रिका जोहार चित्रांश का विमोचन किया गया.
समारोह में बोलते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने कहा कि राजेन्द्र बाबू ने भारत में आत्मनिर्भरता और देश की सशक्तता के राष्ट्रीय संकल्प को एक मज़बूत आधार दिया. जमीनी स्तर पर उनकी आकांक्षाओं को कार्यरूप में परिवर्तित करना सबसे अधिक जरूरी है.

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समारोह में बोलते हुए राज्यसभा के पूर्व सदस्य और झारखंड कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष अभयकांत प्रसाद ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान राजेन्द्र बाबू और अन्य महान नेताओं द्वारा लिये गये संकल्प को एक बार फिर से भरपूर प्रयास के साथ अपने व्यवहार में लाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि ना केवल अपनी बौद्धिक क्षमता बल्कि अपनी सादगी से भी वे सभी को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे.
इस अवसर पर झारखण्ड बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेन्द्र कृष्णा ने कहा कि संवेधानिक मर्यादाओं के प्रति संकल्पित रहना और आदर्श व्यक्तित्व के धनी महान नेताओं के विचारों पर आचरण बहुत आवश्यक है. इस परिप्रेक्ष्य में राजेंद्र बाबू द्वारा दिखाये गये मार्ग सबसे सटीक हैं.
समारोह में प्रसिद्ध न्यूरो सर्जन डॉ.सी.बी.सहाय ने कहा कि राजेंद्र बाबू ने अनेक बार झारखण्ड विशेष रूप से रांची की यात्रा की और इस शहर से उनका विशेष लगाव था.
समारोह का संचालन करते हुए अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.प्रणव कुमार बब्बू ने कहा कि, बिना किसी जाति, धर्म, समुदाय या अन्य प्रकार के भेदभाव के बिना सभी महापुरुषों से प्रेरणा गठन कर उसी के अनुरूप लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित-उत्साहित करना, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा का सर्वप्रमुख उद्देश्य है जिसमें निरंतर सफलता मिल रही है. समारोह में एबीकेएम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकेश कुमार, शम्भु शरण सिन्हा, जयशंकर जयपुरियार, अमरेश कुमार श्रीवास्तव मंटु, सुधीर श्रीवास्तव, डॉ.रवि भट्ट, कुंदन कुमार लाल, संजय समर, संजय शौर्य, संजय अम्बष्ठ, बरखा सिन्हा, इंदु पाराशर, सोनी कुमारी, उपेन्द्र कुमार बबलू, राखी कुमारी, प्रीति बाला सिन्हा, अवधेश सिंह, बिनय कुमार सिन्हा, निरुपमा सिन्हा, पी.सी.राय, अशोक कुमार सिन्हा, डॉ.हीरालाल, सुजीत प्रसाद रानू, दिनेश प्रसाद सिन्हा, अमरेन्द्र कुमार सिन्हा, सूरज कुमार सिन्हा, बिपुल अखौरी बुल्लू, एस.के.सिन्हा, नीरज कुमार सिन्हा, राकेश कुमार सिन्हा, जयदीप सहाय, विजय कुमार दत्त पिन्टू, मृणालिनी अखौरी, आलोक परमार सहित अन्य लोगों ने भी सम्बोधित किया.

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