मैथन डैम से पानी छोड़ने पर भड़कीं ममता बनर्जी, DVC पर लगाया मनमानी का आरोप

मैथन डैम से पानी छोड़ने पर भड़कीं ममता बनर्जी, DVC पर लगाया मनमानी का आरोप
कोलकाता, 5 अक्टूबर : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (DVC) पर एक बार फिर मनमानी का आरोप लगाते हुए कड़ी नाराजगी जताई है। दुर्गा पूजा के दौरान विजय दशमी पर मैथन और पंचेत डैम से बिना पूर्व सूचना के पानी छोड़ने को लेकर उन्होंने इसे “निर्मित आपदा” करार दिया है।
ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर कहा कि DVC ने बिजोया दशमी पर 65,000 क्यूसेक पानी छोड़ा, जो लाखों लोगों की जान को खतरे में डालने वाला कदम है। बाद में उन्होंने अपडेट देते हुए दावा किया कि शाम तक मैथन और पंचेत डैम से 1,50,000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ दिया गया, जिससे दक्षिण बंगाल में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। उन्होंने इसे “उद्देश्यपूर्ण साजिश” बताते हुए कहा, “यह दुर्गा पूजा के दौरान बंगाल को डुबोने की कोशिश है, जो शर्मनाक और अस्वीकार्य है। हम इसका विरोध करेंगे।”
झारखंड में भारी बारिश के कारण डैमों का जलस्तर बढ़ने से DVC ने पानी छोड़ा, लेकिन राज्य सरकार को सूचना न देने पर ममता ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया। इससे बांकूड़ा, पूर्वी बर्धमान, हूगली, हावड़ा और दुर्गापुर जैसे निचले इलाकों में जलभराव हो गया है। राज्य के अधिकारियों ने बाढ़ अलर्ट जारी किया है।
DVC के अधिकारियों ने खंडन करते हुए कहा कि पानी छोड़ना डैम की सुरक्षा के लिए जरूरी था और कुल डिस्चार्ज 70,000 क्यूसेक रहा, न कि 1.5 लाख। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने भी ममता के आंकड़ों को गलत बताते हुए कहा कि डैमोदर वैली रिजर्वायर रेगुलेशन कमिटी (DVRRC) के अनुसार मैथन से 42,500 और पंचेत से 27,500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। उन्होंने राज्य सरकार को सूचना देने का दावा किया।
यह पहली बार नहीं है जब DVC के पानी छोड़ने पर विवाद हुआ है। पहले भी ममता ने केंद्र पर बाढ़ प्रबंधन में लापरवाही का आरोप लगाया है। तृणमूल कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है, जबकि बीजेपी ने ममता को “झूठी” बताते हुए नदी ड्रेजिंग न करने का दोष राज्य पर डाला।
ममता ने कहा, “बंगाल का विसर्जन नहीं होने दूंगी। हर साजिश का पूरा विरोध करेंगे।” जय मां दुर्गा! इस घटना से सैलानियों ने मैथन डैम पर पानी के फव्वारों का मजा लिया, लेकिन स्थानीय लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ा। राज्य सरकार ने प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेज कर दिए हैं।





