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प्यार की पंचायत: तीन बच्चों की मां का 21 साल के प्रेमी से प्रेम, पति ने खुद कराई बीवी की शादी, फिर लौट आई पत्नी

नंद किशोर मंडल

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झारखंड के पाकुड़ जिले के हिरणपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत घाघरजानी गांव में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने न केवल स्थानीय समुदाय को हिलाकर रख दिया, बल्कि सोशल मीडिया पर भी तहलका मचा दिया। यह कहानी रिश्तों की अनोखी परीक्षा और सामाजिक साहस की है, जहां एक 45 वर्षीय तीन बच्चों की मां अपने से आधी उम्र के 21 वर्षीय युवक के प्यार में पड़ गई, और पति ने न केवल इस रिश्ते को स्वीकार किया, बल्कि पंचायत में खुद अपनी पत्नी की शादी प्रेमी से करवा दी। लेकिन कहानी में एक और मोड़ आया, जब कुछ ही दिनों बाद पत्नी अपने पहले पति के पास लौट आई।

प्रेम कहानी ने तोड़े रिश्तों के बंधन  

जानकारी के मुताबिक, महिला और युवक के बीच कुछ समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। धीरे-धीरे यह बात गांव में फैली और अंततः महिला के पति को भी इसकी जानकारी मिली। जहां आमतौर पर ऐसी स्थिति में गुस्सा और विवाद देखा जाता है, वहां इस पति ने हैरान करने वाली शांति और समझदारी दिखाई। उसने न तो पत्नी पर आरोप लगाए, न ही कोई हंगामा किया। इसके बजाय, उसने गांव की पंचायत बुलाई और भरी सभा में पत्नी से सवाल किया, “साफ-साफ बताओ, तुम किसके साथ अपना जीवन बिताना चाहती हो?” महिला ने बिना किसी हिचक के जवाब दिया कि वह अपने पति के साथ नहीं, बल्कि अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती है।

पति का फैसला बना मिसाल  

पंचायत में मौजूद दर्जनों ग्रामीणों के सामने जो हुआ, वह किसी फिल्मी दृश्य से कम नहीं था। पति ने अपनी पत्नी के माथे का सिंदूर पोंछा, उसकी चूड़ियां उतारीं, और स्वयं अपने हाथों से उसकी शादी उसके प्रेमी से करवा दी। यह दृश्य इतना भावुक था कि कई लोग स्तब्ध रह गए, जबकि कुछ ने इसे सामाजिक साहस की मिसाल माना। पति का यह फैसला न केवल गांव में, बल्कि पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो  

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। हजारों लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग पति के फैसले को समझदारी और त्याग की मिसाल बता रहे हैं, तो कुछ इसे रिश्तों की हार और सामाजिक मूल्यों की गिरावट मान रहे हैं। कई यूजर्स ने सवाल उठाया कि क्या शादी अब केवल एक समझौता बनकर रह गई है?

कहानी में आया नया मोड़  

यह प्रेम कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, प्रेमी के साथ शादी के कुछ ही दिनों बाद महिला अपने पहले पति के घर लौट आई। इस घटना ने एक बार फिर रिश्तों की जटिलता को उजागर किया। यह सवाल उठता है कि क्या प्रेम का फैसला हमेशा स्थायी होता है, या सामाजिक और पारिवारिक बंधन उसे प्रभावित करते हैं?

रिश्तों की बदलती परिभाषा  

घाघरजानी गांव की यह घटना हमें रिश्तों की बदलती परिभाषाओं पर सोचने के लिए मजबूर करती है। एक तरफ पति का धैर्य और त्याग इस कहानी को अनोखा बनाता है, तो दूसरी तरफ पत्नी का लौटना यह दर्शाता है कि हर फैसला अंतिम नहीं होता। यह घटना प्रेम, शादी, और सामाजिक मान्यताओं के बीच के द्वंद्व को उजागर करती है।

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