राज्य सरकार के 16 पत्रों के बाद भी रांची जिला प्रशासन ने नगर विकास विभाग को जांच रिपोर्ट नहीं दी
रांची के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे अफसर फाइल पर जैसे कुंडली मारकर बैठ गये हैं. राज्य सरकार के 16 पत्रों के बाद भी रांची जिला प्रशासन ने नगर विकास विभाग को जांच रिपोर्ट नहीं दी. अब बीते हफ्ते नगर विकास विभाग ने 17वीं बार रांची के डीसी को पत्र लिखकर इस मामले की जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है. नगर विकास विभाग ने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा है.
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बता दें कि डिप्टी मेयर के खिलाफ लोकायुक्त कोर्ट में रांची के बबन चौबे और शत्रुधन अग्रवाल ने अलग-अलग शिकायत दायर की थी. इसपर लोकायुक्त डीएन उपाध्याय के निर्देश पर रांची डीडीसी को जांच कराने की जिम्मेदारी दी गयी थी. लोकायुक्त के यहां दायर परिवाद में टेंडर के नियमों की अवहेलना कर डिप्टी मेयर के पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है.
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उनपर आरोप है कि उन्होंने अपने पुत्र की कंपनी को ज्यादा से ज्यादा टेंडर दिलवाये. इसके अलावा सड़क निर्माण आदि के कार्य में गड़बड़ी की शिकायत है. लोकायुक्त ने मंत्रिमंडल निगरानी विभाग से भी इस बाबत जानकारी मांगी. निगरानी विभाग ने नगर विकास विभाग को लिखा. फिर इसकी जांच डीडीसी को सौंपी गयी. लेकिन तीन साल बाद भी कोई निष्कर्ष सामने नहीं आया. इस बीच दो डीसी और दो डीडीसी बदल गये, पर रिपोर्ट नहीं मिली. नगर विकास विभाग के सचिव ने डीसी को लिखे गये पत्र में इस बात पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है.
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कब-कब भेजे गये रिमाइंडर
2018: 22 मार्च, 15 मई, 27 जून, 31 जून, 11 सितंबर, 29 सितंबर
2019: 5 नवंबर
2020: 16 जनवरी, 27 फरवरी, 16 मार्च, 18 मई, 7 अगस्त, 25 अगस्त, 25 सितंबर
2021: 1 जनवरी, 18 फरवरी, 16 मार्च और जुलाई




