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विश्व मानवाधिकार दिवस पर सिमडेगा में डालसा ने आयोजित किए विधिक जागरूकता शिविर, सैकड़ों छात्र-छात्राओं को दी गई मानवाधिकारों की जानकारी

शंभू कुमार सिंह

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सिमडेगा : “मानवाधिकार हर नागरिक की गरिमा का मूल अधिकार है” इसी संदेश के साथ जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा), सिमडेगा ने बुधवार को विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर जिले भर में व्यापक विधिक जागरूकता अभियान चलाया। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के निर्देश पर आयोजित इस कार्यक्रम में स्कूलों एवं लिटरेसी क्लबों में एक साथ कई शिविर लगाए गए।

मुख्य कार्यक्रम जिला मुख्यालय स्थित जीनियस पब्लिक हाई स्कूल, कॉलेज मोड़ में आयोजित किया गया। शिविर के मुख्य वक्ता एवं चीफ एलएडीसीएस प्रभात कुमार श्रीवास्तव ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि मानवाधिकार जन्मसिद्ध अधिकार हैं और इनका संरक्षण ही लोकतंत्र की असली ताकत है। उन्होंने जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, समानता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, बाल अधिकार एवं महिला सुरक्षा जैसे विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

प्रभात कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कोई भी व्यक्ति अन्याय, हिंसा, शोषण या भेदभाव का शिकार होने पर डालसा से निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकता है। लोक अदालत, मध्यस्थता, स्थायी लोक अदालत एवं प्री-लिटिगेशन क्लिनिक जैसे माध्यमों से सस्ता व त्वरित न्याय उपलब्ध कराया जाता है।

कार्यक्रम में बच्चों ने उत्साहपूर्वक सवाल पूछे, जिनका मुख्य वक्ता ने सरल भाषा में जवाब दिया। विद्यालय के प्रधानाध्यापक सगीर हुसैन ने डालसा टीम का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह के शिविर छात्रों में कानूनी जागरूकता बढ़ाने में बेहद कारगर साबित होते हैं।

कार्यक्रम में पैरा लीगल वॉलंटियर (पीएलवी) एस सरफराज, सुरजीत प्रसाद, पुरुषोत्तम दास तथा शिक्षिकाएं विद्यावती मांझी, नमिता तिर्की, करुणा लकड़ा, मुस्कान प्रवीण, सीमा लकड़ा, मंतशा परवीन सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

इसी क्रम में जिले के अन्य स्थानों पर भी शिविर आयोजित किए गए जिनमें बालिका आवासीय विद्यालय, पाकरटांड़ → पीएलवी अनिता देवी एवं बालचंद नायक, उत्क्रमित उच्च विद्यालय, केरसई पीएलवी उपेंद्र कुमार एवं विष्णु प्रसाद, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, कुरडेग पीएलवी जगेश्वर भोय एवं राधिका कुमारी

प्राधिकार सचिव सह एसीजेएम मरियम हेमरोम ने बताया कि झालसा के निर्देश पर यह अभियान पूरे जिले में चलाया गया ताकि आमजन, खासकर छात्र-छात्राएं एवं महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों और जरूरत पड़ने पर कानूनी सहायता ले सकें।

डालसा अध्यक्ष सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के मार्गदर्शन में यह अभियान समाज में कानूनी सशक्तिकरण और मानवाधिकार संरक्षण की दिशा में मील का पतरा साबित हुआ।

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