CM हेमंत सोरेन के पत्नी और साली के नाम से कई शैल कम्पनिया होने का शक : रघुवर दास ( RAGHUWAR DAS)
रघुवर कहां गुम हो गये हैं. आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत पूर्व CM रघुवर दास ( RAGHUWAR DAS ) ने कुछ इसी तरह की उन्होंने ने कहा कि असल में वे हेमंत के महासागर में उनके लूटे हुए रत्न को ढूंढने में व्यस्त थे. इसे एक-एक कर जनता के सामने रखेंगे. उन्होंने एक बार फिर से हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के नाम अरगोड़ा में खरीदी गई जमीन का मामला उठाया और कहा कि सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर जमीन को खरीदी गई. हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री बनते ही मामले पर चल रही जांच को अपने पक्ष में करा लिया.
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रघुवर दास ने कहा कि 2009 में रांची के पॉश इलाका अरगोड़ा में सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू के नाम आदिवासी जमीन खरीदी गई. इस जमीन की खरीद में सीएनटी एक्ट का उल्लंघन हुआ. साथ ही रैयत से कौड़ियों के भाव जमीन खरीदी गई. उन्होंने कहा कि दो डीड के माध्यम से यह जमीन खरीदी गई. पहले डीड में 13 कट्ठा 14 छटाक और दूसरे डीड में 17 कट्ठा 8 छटाक जमीन खरीदी गयी. दोनों डीड में कल्पना सोरेन ने पति की जगह पिता का नाम दिखाया. डीड में उन्होंने पता अरगोड़ा थाना क्षेत्र बताया है, जबकि वो ओडिशा की रहने वाली हैं. इस तरह यह जमीन खरीद सीएनटी एक्ट उल्लंघन का भी मामला है. सीएनटी एक्ट के मुताबिक, जमीन खरीदने और बेचने वाला दोनों एक ही थाना क्षेत्र के होने चाहिए.
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उन्होंने कहा कि पहली डीड में 13 कट्ठा 14 छटांक भूमि अपने नाम कराने के एवज में रैयत को मात्र 4 लाख 16 हजार रुपये दिया गया, जबकि जमीन की सरकारी कीमत उस वक्त 34 लाख 93 हजार रुपये थी. वहीं दूसरे डीड में 17 कट्ठा 8 छटांक जमीन के एवज में मात्र 5 लाख 25 हजार रुपये विक्रेता को दिया गया. जबकि जमीन की कीमत 78 लाख 93 हजार रुपये थी. रघुवर ने कहा कि 79 लाख 93 हजार रुपये की जमीन की खरीद में 9 लाख 40 हजार रुपये का भुगतान दिखाया गया है. यह सीएनटी एक्ट का उल्लंघन के साथ-साथ मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला है.
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रघुवर ने कहा कि मामला सामने आने के बाद उनकी सरकार ने मामले पर संज्ञान लेते हुए 22 जून 2018 को इसकी जांच का आदेश दिया था. इसके बाद जांच दल का गठन भी किया गया. जांच दल ने राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें गंभीर अनियमितता उजागर हुई थी. इसके बाद तत्कालीन डीसी को सीएनटी एक्ट के प्रावधान के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था. अपर समाहर्ता की ओर से दोनों पक्ष को नोटिस भी जारी किया गया था, कार्रवाई चल रही थी. लेकिन दिसंबर 2019 में मुख्यमंत्री बनने के बाद हेमंत सोरेन ने अपने पद के प्रभाव से मामले को अपने पक्ष में करवा लिया.
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उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी और परिवार के लोगों के नाम सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर सैकड़ों एकड़ जमीन खरीदी गई है. इस प्रकार की खरीद-बिक्री में मनी लॉन्ड्रिंग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. रघुवर ने कहा कि बीजूपाड़ा में कल्पना सोरेन के नाम जिस सोहराय लाइव प्राइवेट लिमिटेड के नाम औद्योगिक भूमि आवंटित की गई है, उसमें कल्पना सोरेन 93.33 प्रतिशत और हेमंत सोरेन की साली सरला मुर्मू 6.77 प्रतिशत की हिस्सेदार हैं. सरला मुर्मू दो और कंपनियों की भी निदेशक हैं. जो रक्तपुर प्रा. लिमिटेड और विहंगम डेवलपर्स प्रा लि. हैं. उन्होंने आशंका जताई है कि इन दोनों कंपनियों के जरिये अवैध धन को खपाया जा रहा है.




