ranchi flyover

ranchi flyover : रांची सिरमटोली-मेकन फ्लाइओवर मुआवजा को लेकर आई दिक्कत सरना स्थल के जमीन की भी कम्पनसेशन मांगे जाने की खबर

ranchi flyover : रांची इनदिनों जाम से परेशान तो है ही और हर लोग जानते है की अभी इसकी बड़ी वजह रांची में बन रहा पुल है सबसे बड़ी मुसीबत तो मेकन चौक से लेकर सिरमटोली तक बनने वाली पुल है जिसका काम का रफ़्तार धीमा हो चूका है। वजह मुआवजा भुगतान में परेशानी है यहाँ के रैयतों को मुआवजा का ठीक से भुगतान नहीं हो पा रहा है भू-अर्जन कार्यालय ने पूर्व में शहर के अंदर नक्शा पास करने वाली एजेंसी आरआरडीए और नगर निगम दोनों से इसका विवरण मांगा है, ताकि गिफ्ट एरिया को छोड़ कर शेष जमीन का मुआवजा भुगतान किया जा सके
सबसे ज्यादा परेशानी सिरमटोली-मेकन फ्लाइओवर के लिए मुआवजा भुगतान में परेशानी हो रही है. क्योंकि, अभी तक जिला भू-अर्जन कार्यालय को रैयतों की संरचना से संबंधित गिफ्ट एरिया का डिटेल नहीं मिल रहा है. अपार्टमेंट, कॉमर्शियल स्ट्रक्चर आदि के लिए छोड़े गये गिफ्ट एरिया की विवरणी नहीं होने के कारण कितनी जमीन का भुगतान किया जाये, यह तय नहीं हो पा रहा है. रैयतों से भी इस बाबत पूरा विवरण मांगा गया है. वहीं, फ्लाइओवर का काम भी प्रभावित हो गया है. खबर तो यह भी है की सिरमटोली के सरना स्थल की बड़ी जमीन सरना को गिफ्ट है ऐसे में गिफ्ट जमीन का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है लेकिन खबर तो यह भी है की कई लोग सरना की जमीन पर खतियानी दावा कर मुआवजा लेने के फ़िराक में है लोग जमीन का कागज लेकर भूअर्जन कार्ययालय की दौड़ लगा रहे है। लेकिन चुकी सरना सार्वजनिक सम्पति होती है आदिवासियों की आस्था का केंद्र है जिसमे सरना भवन का निर्माण भी सरकार ने कराया है ऐसे में किसी का खतियानी मान कर उसे मुआवजा कैसे दिया जा सकता है। खबर तो यह भी है की बड़ी रकम लेने में कई भू माफिया भी सक्रिय हो गए है

इधर, भू-अर्जन कार्यालय ने पूर्व में शहर के अंदर नक्शा पास करने वाली एजेंसी आरआरडीए और नगर निगम दोनों से इसका विवरण मांगा है, ताकि गिफ्ट एरिया को छोड़ कर शेष जमीन का मुआवजा भुगतान किया जा सके. लेकिन, दोनों जगहों से अभी तक विवरण नहीं मिल सका है. रैयतों ने भी डिटेल नहीं दिया है. इस कारण भुगतान का मामला लटक गया है. अधिकारियों का कहना है कि विवरणी के अभाव में अगर गिफ्ट एरिया का भी भुगतान रैयतों को करना पड़ा, तो बड़ी राशि मुआवजा में देनी होगी. प्रावधान है कि गिफ्ट एरिया का मुआवजा नहीं देना है, लेकिन कई ऐसे मामले आ रहे हैं, जिसमें रैयतों ने बाद में गिफ्ट एरिया को भी घेर कर रख लिया है. इस वजह से ऐसी समस्याएं लगातार आ रही हैं.
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने कुल 23 रैयतों का नाम आरआरडीए और नगर निगम को उपलब्ध कराया है. इसमें उनके आरएस प्लॉट, एमएस प्लॉट और अर्जित की गयी भूमि का जिक्र किया गया है. इस कॉलम में गिफ्ट एरिया का भी जिक्र किया गया है, जिसका नक्शा पास हो.दूसरी तरफ निवारणपुर के पास ओम साईं अपार्टमेंट है. यहां के रैयतों को भी मुआवजा नहीं दिया जा सका है. इस कारण फ्लाइओवर के लिए यहां पाइलिंग करने पर आपत्ति की गयी है. ऐसे में पाइलिंग नहीं हो पाने के कारण प्रोजेक्ट प्रभावित हो गया है. अन्य जगहों पर भी मुआवजा भुगतान नहीं होने के कारण परियोजना का कार्य प्रभावित हो रहा है.

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