Ranchi News :-झारखंड की संस्था ‘मिशन बदलाव’ को मिला अवार्ड,आदिवासी क्षेत्रों में आम लोगों की समस्या सुलझाने में टीम करती है मदद
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प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
झारखंड की संस्था “मिशन बदलाव” को लोक सेवा के क्षेत्र में इफको ईमका अवार्ड (IFFCO IIMCAA AWARD) से सम्मानित किया गया है। यह टीम एक साथ कई क्षेत्रों में काम करती है। ग्रामीण और नक्सलप्रभावित इलाकों में कई बार साधारण सी समस्या का हल प्रशासनिक तौर पर साधारण लोगों के लिए इतना जटिल होता है कि उसे सुलझना साधारण ग्रामीणों के लिए मुश्किल हो जाता है। इसी तरह की समस्या का हल निकालने का का करती है ” मिशन बदलाव” आम लोगों की समस्या को जिला प्रशासन, डॉक्टर और आम लोगों की मदद से सुलझाने की कोशिश करती है।
प्रोत्साहित हुई है पूरी टीम, इस ऊर्जा का काम में दिखेगा असर
26 फरवरी को नई दिल्ली के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन (आईआईएमसी) में यह पुरस्कार मिशन बदलाव टीम के मुख्य संयोजक भूषण भगत, पंकज चंद्र गोस्वामी और अभिनव ने प्राप्त किया। इस अवसर पर भूषण भगत ने कहा कि यह मिशन बदलाव टीम के हजारों कार्यकर्ताओं का प्रयास है कि हमारे काम को सराहा जा रहा है। हम आनेवाले समय में और अधिक जिम्मेदारी के साथ झारखंड के ग्रामीण इलाकों में लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रयासरत रहेंगे। संस्था के पंकज चंद्र गोस्वामी ने भी इसे ऊर्जा देने वाला बताते हुए कहा, बीते चार सालों से हम झारखंड के गुमला, सिमडेगा, चाईबासा, लातेहार जिलों के ग्रामीण इलाकों में काम कर रहे हैं। हम आम लोगों तक हर दिन पहुंच रहे हैं, उनकी समस्याओं को जिला प्रशासन, डॉक्टर व आम लोगों की मदद से सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। उम्मीद है इस अभियान को और तेजी मिलेगी।
क्या काम करती है मिशन बदलाव
भूषण भगत के मुताबिक मिशन बदलाव गांव के लोगों के अंदर राजनैतिक चेतना जगाती है। उन्हें पंचायती राज व्यवस्था के बारे में ट्रेनिंग देती है। हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में इस टीम के 50 से अधिक मेंबर विभिन्न पंचायतों में विभिन्न पदों पर चुनकर आए हैं। सूचना का अधिकार इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण देती है। इसके अलावा जब टीम गांवों का दौरा करती है, उस दौरान ग्रामीणों की समस्याओं को इकट्ठा करती है और फिर स्थानीय प्रशासन की मदद से उसे सुलझाती है। टीम में गांव के लोगों के अलावा कई डॉक्टर, इंजीनियर, नेवी, आर्मी से रिटायर हुए लोग, कई सरकारी सेवाओं में काम कर रहे लोग शामिल हैं। सामुदायिक रात्रि पाठशाला के माध्यम से पिछड़े क्षेत्रों में ड्रॉपआउट बच्चों को पुनः शिक्षा से जोड़ने के लिए सिमडेगा जिले में 11 और गुमला जिले में पांच विद्यालयों का संचालन मिशन बदलाव टीम के युवाओं के द्वारा किया गया है
क्यों और कैसे बनी टीम
टीम की नींव कोरोना काल में पीड़ितों के लिए राहत कार्यों से पड़ी थी। विगत दो वर्षों से मिशन बदलाव टीम सक्रियता से झारखंड में आम लोगों के हित हक और अधिकारों के लिए काम कर रही है। नक्सलवाद प्रभावित अति पिछड़े क्षेत्रों में लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर सशक्त करने के लिए गांव के स्तर तक “मतदाता जागरूकता अभियान” और “अपन गांव अपन सरकार” नाम से अभियान चलाकर नक्सलवादी गतिविधियों में भटके युवाओं को मुख्यधारा में लाने का गंभीर प्रयास किया। परिणाम स्वरूप लगभग 50 से अधिक पंचायतों में मिशन बदलाव टीम के सहयोग से सशक्त जन प्रतिनिधि निर्वाचित हुए।
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