Ranchi News:-झारखंड सरकार ने दिखाई सख्ती:छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन को उत्पाद विभाग के परामर्शी से हटाया
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प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
झारखंड सरकार ने उत्पाद विभाग का राजस्व बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) को परामर्शी बनाया था। लेकिन चालू वित्त वर्ष में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग राजस्व वसूली के लक्ष्य से काफी पीछे रह गया। अब विभागीय मंत्री जगरनाथ महतो ने सीएसएमसीएल को परामर्शी से हटाने का आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने विभागीय सचिव को मुख्य सचिव या सदस्य राजस्व पर्षद की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय कमेटी गठित कर नई उत्पाद नीति की समीक्षा कराने का भी आदेश दिया है। मंत्री ने इसकी पुष्टि की है।
सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में 2500 करोड़ रुपए राजस्व का लक्ष्य रखा था। फिर इसे घटाकर 2300 करोड़ रुपए कर दिया। लेकिन होली के ठीक पहले तक 1750 करोड़ का ही राजस्व मिला। अब इस वित्तीय वर्ष के सिर्फ 22 दिन ही बचे हैं। ऐसे में 550 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य पूरा करना काफी मुश्किल है।
गौरतलब है कि विभाग ने मंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि नई नीति लागू होने के बावजूद राजस्व नहीं बढ़ रहा है। इसलिए परामर्शी को मुक्त किया जा सकता है। इसी के आधार पर मंत्री ने आदेश जारी किया। वहीं समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति के बाद ही कमेटी का गठन किया जा सकता है। इसी बीच झारखंड शराब व्यापारी संघ ने मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि अगले वित्त वर्ष में शराब की बिक्री उनके हाथों में दे दें। वे 3500 करोड़ का राजस्व देने को तैयार हैं।
शराब में पानी मिलाने और अधिक वसूली की शिकायत
राज्य में शराब में पानी मिलाकर बेचने की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। हाल में उत्पाद विभाग के एक दारोगा के भाई को इसमें संलिप्त पाने पर दारोगा को निलंबित कर दिया गया। केस भी दर्ज कराया गया है। वहीं राज्यभर में एमआरपी से अधिक कीमत वसूलने की शिकायत भी मिल रही है।
ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम को भी सही तरीके से लागू नहीं किया जा सका है। राज्य में अभी सरकार खुद शराब बेच रही है। इसके लिए छत्तीसगढ़ मॉडल को लागू किया गया है। प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से सरकार की खुदरा दुकानों में मैनपावर उपलब्ध कराया गया है।