जाँच करने पहुंची दुष्कर्म की पीड़िता को 2 दिन लगवाए गए चक्कर, तंग होकर पीड़िता ने ही जांच कराने से किया इनकार
सदर अस्पताल रांची में शुक्रवार (26 नवंबर ) को घंटों इतजार करानेके बाद भी दुष्कर्म पीड़िता (नाबालिग) की मेडिकल जांचनहीं की गयी. ड्यूटी पर तैनात एक महिला चिकित्सक ने जांच करने से मना कर दिया. दरअसल पीड़िता की जांच के लिए दो डॉक्टरों का छोना जरूरी है. लेकिन, उस वक्त वार्ड मे सिर्फ एक महिला डॉक्टर थी. इस कारण बुंडू थाना की टीम को बिना जांच करे ही लौटना पड़ा. शनिवार (27 नवंबर) को पीड़िता को लिए सदर अस्पताल पहुंची. इस दौरान पीड़िता को इंतजार करने को कहा गया. इसके बाद शीर्ष अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद महिला डॉक्टर ‘पुलिस दोबारा मेडिकल जांच के जांच के लिए राजी हुई, लेकिन तंग होकर पीड़िता ने ही जांच कराने से इनकार कर दिया.
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ज्ञात हो कि सोनाहातू शान क्षेत्र मं यौन उत्पीड़न की शिकार जाबलिग की मेडिकल जांच कराने के लिए 26 नवंबर की शाम करीब चार बजे बुंडू थाना प्रभारी सदर अस्पताल पहुंची थी. देरी से जांच होने पर गुणकत्तापूर्ण रिफोर्ट नहीं मिलने का डर : कुकर्म । पीड़िता की जांच में संवेदन शीलता बस्ती जये, इसके लिए अस्पतालों में नोडल अफसर बनाये गये हैं. इस मामले में 26 नवंबर को ही पोक्से एक्ट 4/8 के तहत केस दर्ज किया गया था. पीढ़िता के साथ महिला पुलिस भी उपस्थित थीं. बावजूद मामले में लापरवाही बस्ती गयी. बेहतर परिणाम के लिए किसी भी स्थिति में फर्तेसिक जांच के लिए 72 घंटे तक ही सैंपल लिया जा सकता है. इसके बाद जांच होमे पर रिपोर्ट के गुणवत्तार् नहीं होने की आशंका रहती है.
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