मोरहाबादी मैदान में जुटने लगे सहायक पुलिसकर्मी, मांगों को लेकर करेंगे अनिश्चितकालीन प्रदर्शन।
अपनी मांगों को लेकर फिर से 2500 सहायक पुलिसकर्मी ने आंदोलन शुरू कर दिया है. सोमवार की सुबह से ही राज्य के अलग-अलग जिले से सहायक पुलिस कर्मियों का मोरहाबादी मैदान में जुटने लगे है. मांग नहीं माने जाने से नाराज सहायक पुलिसकर्मियों ने 27 सितंबर से राजभवन और सीएम आवास के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन की घोषणा की है. इसे लेकर सहायक पुलिसकर्मी मोरहाबादी मैदान में जुटने लगे है सहायक पुलिस कर्मियों के आंदोलन को देखते हुए रांची पुलिस ने कड़ी तैयारी की है. विधि-व्यवस्था बिगाड़ने और उपद्रव करने वाले सहायक पुलिस कर्मियों पर रांची पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी.पिछले साल 12 सितंबर 2020 से 23 सितंबर 2020 तक मोरहाबादी मैदान में आंदोलन चला था.
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इस दौरान पुलिस और सहायक पुलिस कर्मियों के बीच झड़प हो गयी थी. हिंसक झड़प की घटना में शामिल कई लोगों को पुलिस ने चिन्हित किया है. इसके अलावा कई लोगों पर मामला दर्ज किया गया था. ऐसे लोगों को पुलिस गिरफ्तार भी कर सकती है. सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन को देखते हुए रांची पुलिस ने मोरहाबादी के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है।तत्कालीन रघुवर सरकार के कार्यकाल में राज्य के 12 नक्सल प्रभावित जिलों के 2500 युवक-युवतियों को तीन साल की संविदा पर गृह जिला में सेवा देने के लिए रखा गया था. साल 2020 में संविदा अवधि खत्म होने पर उन्हें नौकरी से निकाले जाने की प्रक्रिया के खिलाफ आंदोलन हुआ था. जिसके बाद एक साल के लिए संविदा बढ़ा कर 2022 तक कर दी गई है.
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लेकिन अबतक मानदेय में किसी तरह का कोई इजाफा नहीं हुआ है. ऊपर से गृह जिला से हटाकर दूसरे जिलों में सेवा ली जा रही है.स्थायीकरण की मांग को लेकर 12 जिलों के 2350 सहायक पुलिसकर्मी 12 सितंबर, 2020 से रांची के मोरहाबादी मैदान में आंदोलन किया था. 12 दिनों तक चला आंदोलन मंत्री के आश्वासन के बाद खत्म हुआ था. पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर से घंटों हुई वार्ता के बाद सहायक पुलिस कर्मियों ने हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया था. जिसके बाद 2 साल की अवधि का विस्तार दिया गया था.