झारखंड हाईकोर्ट की सुरक्षा में चूक: बीजेपी ने हेमंत सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
झारखंड हाईकोर्ट की सुरक्षा में चूक: बीजेपी ने हेमंत सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
रांची, 17 जून : भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के झारखंड प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने मंगलवार को राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर झारखंड हाईकोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरतने का सनसनीखेज आरोप लगाया। रांची में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शाहदेव ने इसे एक गंभीर और चिंताजनक मामला बताते हुए सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल उठाए।
आरोपों का विवरण
शाहदेव ने दावा किया कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की सुरक्षा के लिए पुराने और अप्रभावी सुरक्षा उपकरणों को बदलने के लिए नए उपकरण खरीदे, लेकिन ये उपकरण चार गुना अधिक कीमत पर और बिना टेंडर प्रक्रिया के खरीदे गए। इनमें डीप सर्च माइन एंड मेटल डिटेक्टर, अंडर व्हीकल सर्च मिरर, और विस्फोटक वाष्प डिटेक्टर (एक्सप्लोसिव वेपर डिटेक्टर) शामिल हैं, जो बम, टीएनटी, और अन्य उच्च विस्फोटकों का पता लगाने में सक्षम होने चाहिए।
हालांकि, जून 2024 में राज्य सरकार की अपनी ही स्पेशल ब्रांच ने एक रिपोर्ट में इन उपकरणों की गुणवत्ता को “निम्न स्तर” का बताया। रिपोर्ट में कहा गया कि ये उपकरण पूरी तरह से अप्रभावी हैं और सुरक्षा सुनिश्चित करने में असमर्थ हैं। शाहदेव ने सवाल उठाया कि जब सरकार को एक साल पहले ही इसकी जानकारी थी, तो अब तक इन उपकरणों को क्यों नहीं बदला गया? उन्होंने इसे या तो सरकार की घोर लापरवाही या जानबूझकर की गई साजिश करार दिया।
“थर्ड ग्रेड उपकरणों से खतरे में हाईकोर्ट”
प्रतुल शाहदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह स्तब्ध करने वाला है कि एक प्रमुख संवैधानिक संस्थान की सुरक्षा के साथ इस तरह का खिलवाड़ हो रहा है। या तो सरकार ने पुराने उपकरणों को ही चलने दिया, या फिर थर्ड ग्रेड के उपकरण ऊंची कीमतों पर खरीदे गए। दोनों ही स्थिति में यह सुरक्षा और पारदर्शिता के साथ विश्वासघात है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिना टेंडर के खरीद प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की बू आ रही है। शाहदेव ने कहा, “चार गुना कीमत पर खरीदे गए उपकरण अगर काम के नहीं हैं, तो यह जनता के पैसे की बर्बादी और भ्रष्टाचार का स्पष्ट प्रमाण है।”
स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट का हवाला
शाहदेव ने अपनी बात को पुख्ता करने के लिए स्पेशल ब्रांच की जून 2024 की रिपोर्ट का जिक्र किया, जिसमें उपकरणों की खराब गुणवत्ता को रेखांकित किया गया था। उन्होंने कहा कि 18 जून 2024 की एक ताजा रिपोर्ट में भी यही तथ्य सामने आए हैं कि ये उपकरण पूरी तरह से खराब हैं। उन्होंने सरकार से पूछा, “जब इतनी गंभीर खामियां सामने आ चुकी थीं, तो एक साल तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या यह जानबूझकर हाईकोर्ट की सुरक्षा को खतरे में डालने की साजिश है?”
सरकार पर हमला
बीजेपी प्रवक्ता ने हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार न केवल भ्रष्टाचार में लिप्त है, बल्कि संवैधानिक संस्थानों की गरिमा और सुरक्षा को भी ताक पर रख रही है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यह मामला हजारीबाग जैसे अन्य क्षेत्रों में भी सुरक्षा उपकरणों की खरीद से जुड़ा हो सकता है, हालांकि इस बिंदु पर उन्होंने विस्तार से जानकारी नहीं दी।
मांग और चेतावनी
शाहदेव ने मांग की कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों को तुरंत सजा दी जाए। उन्होंने कहा, “हम इस मामले को यूं ही नहीं छोड़ेंगे। जनता को सच जानने का हक है कि उनके टैक्स के पैसे का दुरुपयोग कैसे हुआ और हाईकोर्ट की सुरक्षा क्यों खतरे में डाली गई।”
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर सरकार ने तुरंत कदम नहीं उठाए, तो बीजेपी इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाएगी और सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेगी।
राज्य सरकार का मौन
अब तक राज्य सरकार की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। बीजेपी के इन आरोपों के जवाब में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) या गठबंधन के अन्य दलों की प्रतिक्रिया का इंतजार है। हालांकि, बीजेपी ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए इसे सरकार की नाकामी का एक और उदाहरण बताया है।
जाहिर है यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी ने हेमंत सोरेन सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। इससे पहले भी पार्टी ने शराब घोटाला, रेत घोटाला, और खनन घोटाले जैसे मामलों में सरकार को घेरा है। हाल ही में, बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने भी सरकार पर भ्रष्टाचार और साजिश के आरोप लगाए थे, जिसे जेएमएम ने “बेबुनियाद” करार दिया था।





