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इंडिगो एयरलाइंस पर सरकार की सबसे बड़ी कार्रवाई–प्रति सप्ताह 100 फ्लाइट कट की शुरुआत-महत्वपूर्ण स्लॉट अन्य एयरलाइंस को मिलेंगे

इंडिगो एयरलाइंस पर सरकार की सबसे बड़ी कार्रवाई–प्रति सप्ताह 100 फ्लाइट कट की शुरुआत-महत्वपूर्ण स्लॉट अन्य एयरलाइंस को मिलेंगे

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नई दिल्ली, 9 दिसंबर 2025– भारत की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो (IndiGo) पर केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की घोषणा की है। पिछले एक सप्ताह से जारी फ्लाइट कैंसिलेशन और पैसेंजर्स की परेशानी के बीच नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो के विंटर शेड्यूल (सर्दी का उड़ान कार्यक्रम) में 5% की कटौती का आदेश दिया है। कटौती की वजह से इंडिगो की लगभग 2,200 दैनिक फ्लाइट्स में से करीब 110 फ्लाइट्स प्रतिदिन कटेंगी, जो प्रति सप्ताह 700-770 फ्लाइट्स के आसपास होगी। इन कटे हुए स्लॉट्स को अन्य एयरलाइंस (जैसे एयर इंडिया, स्पाइसजेट आदि) को आवंटित किया जाएगा, ताकि पैसेंजर्स की मांग पूरी हो सके। यह कार्रवाई डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) द्वारा जारी की गई है और इसका उद्देश्य इंडिगो को “उदाहरण” के तौर पर सजा देना है।

क्यों हुई यह कार्रवाई?

इंडिगो पर यह कार्रवाई 2 दिसंबर 2025 से शुरू हुए “ऑपरेशनल मेल्टडाउन” के कारण हुई है, जिसे “2025 इंडिगो डिसरप्शन” के नाम से जाना जा रहा है। यह भारत की एविएशन हिस्ट्री का सबसे बड़ा संकट माना जा रहा है।

मुख्य कारण–नई FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) नियमों का पालन न करना
नवंबर 2025 से लागू हुए इन नियमों के तहत पायलट्स की रेस्ट पीरियड बढ़ाई गई। वहीं नाइट लैंडिंग्स सीमित (प्रति सप्ताह 2 से अधिक नहीं) की गईं। लेकिन इंडिगो ने इसके लिए पर्याप्त पायलट्स की भर्ती नहीं की।

क्रू शॉर्टेज–इंडिगो के पास जरूरी 2,422 कैप्टन्स के मुकाबले केवल 2,357 उपलब्ध हैं। नवंबर में कुल 64,346 अप्रूव्ड फ्लाइट्स में से 951 कैंसल हुईं, जिनमें 755 क्रू और FDTL से जुड़ी थीं।

फ्लीट उपयोग की कमी- इंडिगो के पास 430 विमान हैं, लेकिन नवंबर में केवल 339-344 का ही इस्तेमाल हुआ। फिर भी, विंटर शेड्यूल में 10% की बढ़ोतरी मांगी गई थी, जो असफल रही।

परिणामस्वरूप कैंसिलेशन- 2-8 दिसंबर तक 3,400-4,000 से अधिक फ्लाइट्स कैंसल हो चुकी हैं। 5 दिसंबर को OTP (ऑन-टाइम परफॉर्मेंस) महज 8.5% रह गया। दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, हैदराबाद जैसे हब्स पर हजारों पैसेंजर्स फंस गए।

सिविल एविएशन मिनिस्टर के. राम मोहन नायडू ने राज्यसभा में कहा, “यह इंडिगो का आंतरिक संकट है। हम सख्त कार्रवाई करेंगे ताकि अन्य एयरलाइंस सबक लें।” सरकार ने 6 दिसंबर को टिकट प्राइस कैप लगाए और रिफंड्स को 24 घंटे में पूरा करने का आदेश दिया।

DGCA के आदेश के अनुसार:फ्लाइट कटौती: विंटर शेड्यूल (WS 2025) में 15,014 साप्ताहिक डिपार्चर अप्रूव्ड थे (नवंबर में 64,346 फ्लाइट्स)। अब 5% कटौती से प्रति सप्ताह लगभग 750 डिपार्चर कम होंगे। फोकस हाई-डिमांड रूट्स (जैसे दिल्ली-मुंबई) और हाई-फ्रीक्वेंसी फ्लाइट्स पर होगा। वहीं सिंगल फ्लाइट ऑपरेशंस (एक ही रूट पर एक फ्लाइट) पूरी तरह बंद।

स्लॉट रीअलोकेशन– कटे स्लॉट्स (5%) को अन्य कैरियर्स को दिए जाएंगे। इससे पैसेंजर्स को वैकल्पिक विकल्प मिलेंगे। मंगलवार (10 दिसंबर) को सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ रिव्यू मीटिंग होगी, जहां फाइनल डिस्ट्रीब्यूशन तय होगा।
अन्य संभावनाएं— संभावित फाइन, सीनियर ऑफिशल्स पर एक्शन, और क्रू स्ट्रेंथ पर निगरानी। अगर डिसरप्शन जारी रहा, तो और कटौती हो सकती है।
इस बीच इंडिगो ने 10-15 दिसंबर तक नॉर्मल ऑपरेशंस बहाल करने का वादा किया।बोर्ड ने क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बनाया है।

इन सबकी वजह से तत्काल राहत मिलेगी वहीं अन्य एयरलाइंस को स्लॉट्स मिलने से कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी। लेकिन शॉर्ट टर्म में फेयर बढ़ सकते हैं। सरकार ने प्राइस कैप लगाए हैं।
इंडिगो पर भी इसका जबरदस्त असर देखने को मिल रहा है। उसके शेयर प्राइस 18% गिर चुके हैं। (7 दिनों में $4.5 बिलियन वैल्यू लॉस)। मार्केट शेयर (60-65%) पर असर पड़ेगा।

लेकिन इंडस्ट्री के लिए यह मोनोपॉली पर चेक है। अन्य एयरलाइंस को फायदा, लेकिन FDTL नियमों का पालन सभी को करना होगा।

भविष्य की संभावनाएं–DGCA ने इंडिगो को फरवरी 2026 तक कुछ FDTL छूट दी है (जैसे नाइट लैंडिंग कैप), लेकिन स्ट्रिक्ट मॉनिटरिंग रहेगी। अगर इंडिगो पायलट्स भर्ती और ट्रेनिंग बढ़ाए, तो रिकवरी संभव।

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