चतरा के इस गांव में है चुड़ैल का साया, शाम ढलते ही घरों में कैद हो जाते हैं लोग.
चतरा, संजय.
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!चतरा : कहा जाता है दुनिया में भगवान है तो शैतान भी है और शैतान का डर हर इंसान को होता है। आपने अब तक फिल्मों में अजीब अजीब शैतानों की कहानियां सुना होगा पर शैतान की भटकती आत्मा ने पूरी इलाके को श्मशान सा माहौल कर दिया है। एक ऐसा मामला चतरा जिले के पत्थलगड़ा प्रखंड के मेराल गांव में देखने को मिला है। चतरा के इस गांव में इन दिनों चुड़ैल को लेकर अजीब सा आतंक फैला हुआ है। इस गांव के रहने वाले बेहद आंतकित हैं और उनका कहना है कि उनके गांव के स्कूल और पंचायत भवन में भूत प्रेत और चुड़ैल डेरा जमाए हुए हैं, जिसकी वजह से एक लड़की की मौत हो चुकी है, यहां के लोग बेहद भयभीत है। शाम ढलते ही गांव में शमशान जैसा सन्नाटा पसर जाता है। सब लोग अपने अपने घरों में कैद हो जाते हैं।
मेराल गांव का कोई व्यक्ति काम के सिलसिले से गांव से बाहर जाता है तो सूरज ढलने से पहले भागे भागे गांव चला आता है। इसके बावजूद गांव वाले रात को सुकून से सो नहीं पाते और अध जगी कच्ची नींद में सोते हैं जिसकी वजह से कई लोगों का दावा है कि उन्हें रात भर अजीब आवाजें सुनाई देती है। कुछ लोगों को यहां तक मानना है कि चुड़ैल दिन में भी दिखाई देता है। लोगों के चेहरे पर अजीब तरह का खौफ दिख रहा है। ग्रामीणों के अनुसार कुछ दिन पहले एक लड़की की मौत हो गई। उसके बाद गांव में सब कुछ बदल गया। गांव के लोगों को मानना है कि गांव के पास वाले स्कूल और पंचायत भवन में चुड़ैल जमकर थिरकती और नाचती है। लोगों पर दहाड़ती है और रात भर पूरे इलाके में तांडव मचाती है। रात भर स्कूल और पंचायत भवन के दरवाजे खिड़कियों को भटकती है। रात में स्कूल और पंचायत भवन के पास आने से लोगों को खा जाने की धमकी भी देती है। लोग बताते हैं कि चुड़ैल रात भर कभी महिला का तो कभी पुरुष का भेष बदलकर पूरे गांव में खूब तांडव मचाती है। वे बताते हैं कि घटना एक या दो दिन का नहीं है हर रोज एक ही स्थिति है।
मेराल गांव में चुड़ैल होने की यह चर्चा नई नहीं है। इससे पहले भी यहां चुड़ैल होने की कई बार चर्चा हो चुकी है। एक बार महिला मंडल का आवासीय पाक्षिक प्रशिक्षण शिविर चल रहा था। उस समय भी चुड़ैल महिलाओं को काफी तंग किया करती थी। एक दिन महिला मंडल की महिलाएं चुड़ैल से तंग आकर मध्य रात्रि को ही पंचायत भवन से भाग गई थी।
कोरोना महामारी के दौरान बाहर से आए प्रवासी मजदूरों को रहने के लिए मेराल पंचायत सचिवालय को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था। लेकिन प्रवासी मजदूर चुड़ैल के डर से 14 दिन की अवधि पूरा होने से पहले ही भाग कर अपने अपने घर चले गए थे। प्रवासी मजदूरों का कहना था कि स्कूल और पंचायत भवन में शाम ढलते ही एक चुड़ैल पहुंचती है और वहां से भाग जाने को कहती थी। नहीं भागने पर सभी को खा जाने की धमकी भी देती थी। वही प्रखंड विकास पदाधिकारी हमसे से बात करते हुए कहा कि मेराल गांव में चुड़ैल होने की बात सिर्फ एक अंधविश्वास है। उन्होंने कहा कि वहां के लोग अंधविश्वास में जी रहें हैं, जल्द ही अंधविश्वास के विरुद्ध जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा।





