क्या गरीबो को मिलने वाला अनाज में हुआ हेरफर ? क्या झारखंड के बोकारो में FCI में हुआ चावल घोटाला ? क्या है 1,319 बैग चावल गबन का मामला ?
क्या गरीबो को मिलने वाला अनाज में हुआ हेरफर ? क्या झारखंड के बोकारो में FCI में हुआ चावल घोटाला ? क्या है 1,319 बैग चावल गबन का मामला ? छह महीने बाद कैसे मिली गायब हुई 1319 बोरियां चावल , कई अनसुलझे सवाल जवाब कौन देगा ?
बोकारो : ब्रजभूषण दृवेदी
बोकारो, झारखंड: भारतीय खाद्य निगम (FCI) के बोकारो डिपो में गरीबो को दिए जाने वाला 1319 बोरियो के गड़बड़झाला का मामला सामने आया है । इस गड़बड़झाले में 1,319 बैग चावल के गबन हुआ है ! गरीबो को मिलने वाला यह अनाज के कथित घोटाला बड़ी हैरान कर देने वाली है । बिना FCI अधिकारियों के मिलीभगत इस गड़बड़झाले को अंजाम देना किसी के लिए भी नाममुमकिंन होगा। वैसे सूत्रों के अनुसार इस मामले को दबाने के लिए कागजी खानापूर्ति की जा रही है, जबकि फेयर जांच होगी तो सारा सबूत कागजी रिकॉर्ड में मौजूद है।
गड़बड़झाले का विवरण
सूत्रों के मुताबिक, 28 अक्टूबर 2023 को छत्तीसगढ़ के सुंडा से बोकारो स्टील सिटी के लिए 41 वैगनों वाली एक मालगाड़ी रवाना हुई थी, जिसमें 36 वैगन चावल से भरे थे और 6 खाली थे। यह मालगाड़ी 31 अक्टूबर 2023 को बोकारो स्टील सिटी पहुंची, लेकिन केवल 35 वैगन ही रेलवे स्टेशन पर दर्ज किए गए। एक वैगन (नंबर NC 13023), जिसमें 1,319 बैग चावल थे, रास्ते में कथित तौर पर गायब हो गया। यह चावल गरीबों में वितरण के लिए था।
रेलवे स्टेशन पर चावल रिसीव करने की जिम्मेदारी धनबाद मंडल कार्यालय द्वारा नियुक्त दो प्रबंधकों, राहुल कुमार और अभिषेक कुमार, को सौंपी गई थी। सामान्यतः मालगाड़ी को 8-10 घंटे में खाली कर लिया जाता है, लेकिन इस गाड़ी को खाली करने में तीन दिन लगे, जिसके लिए FCI को रेलवे द्वारा ₹95,000 का जुर्माना भी देना पड़ा।
गबन और कवर-अप का आरोप
आरोप है कि दोनों प्रबंधकों ने धनबाद मंडल कार्यालय के डिविजनल मैनेजर चक्रपाणि सिद्धार्थ के साथ मिलकर गायब वैगन के 1,319 बैग चावल को FCI के बोकारो डिपो में रिसीव किया हुआ दिखाया, जबकि यह चावल वास्तव में कभी पहुंचा ही नहीं। छह महीने बाद, 19 मार्च 2024 को, रेलवे ने FCI को सूचित किया कि गायब वैगन मिल गया है। इसके बाद उसी वैगन को दोबारा रिसीव कर गोदाम में डंप कर दिया गया।
गोदाम का भौतिक सत्यापन (फिजिकल वेरिफिकेशन) भी हुआ, लेकिन ऑडिट रिपोर्ट में अतिरिक्त 1,319 बैग चावल का कोई उल्लेख नहीं था, जो दो बार रिसीव करने के कारण स्टॉक में दिखना चाहिए था। यह स्पष्ट करता है कि रिकॉर्ड में हेरफेर किया गया।
जांच और रफा-दफा की कोशिश
मामले की जांच के बाद एक कर्मचारी, महेंद्र, को निलंबित कर दिया गया, लेकिन मुख्य आरोपियों—राहुल कुमार, अभिषेक कुमार, और चक्रपाणि सिद्धार्थ—पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सूत्रों का दावा है कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इन आरोपियों को संरक्षण दिया जा रहा है, और मामले को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश की जा रही है।
जल्द ही इस कहानी का अगला अंक….