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बोकारो FCI साइडिंग में  गड़बड़झाला :  36 वैगन में एक वैगन NC13023 पहुंची ही नहीं ,रीजनल कमिटी की जाँच में हुआ खुलासा ,   तो आखिर FCI के गोडाउन में वैगन नंबर  NC13023 का मॉल नवम्बर 2023 को कहाँ से आया ?

 

क्या गरीबो को मिलने वाला अनाज में हुआ हेरफर ? क्या झारखंड के बोकारो में FCI में हुआ चावल घोटाला ? क्या है 1,319 बैग चावल गबन का मामला ? भाग -2 अब आगे


  बोकारो FCI साइडिंग में  गड़बड़झाला :  36 वैगन में एक वैगन NC13023 पहुंची ही नहीं ,रीजनल कमिटी की जाँच में हुआ खुलासा ,   तो आखिर FCI के गोडाउन में वैगन नंबर  NC13023 का मॉल नवम्बर 2023 को कहाँ से आया ?
बोकारो:  पहले भाग में आपने पढ़ा की कैसे भारतीय खाद्य निगम (FCI) की बोकारो साइडिंग (BKSC) में एक अजीबोगरीब  घोटाले का खुलासा हुआ है। लिंक निचे है

क्या गरीबो को मिलने वाला अनाज में हुआ हेरफर ? क्या झारखंड के बोकारो में FCI में हुआ चावल घोटाला ? क्या है 1,319 बैग चावल गबन का मामला ?

अब आज आप पढ़िए  -आखिर की इस  हेरफेर को कैसे अंजाम दिया गया और इसकी भनक छह महीने तक किसी को नहीं थी जब तक की रेलवे से मिसिंग वैगन NO- NC13023 की सुचना 19-03-2024 को  FCI को दी गयी .
जानकारी के मुताबिक 30 अक्टूबर 2023 को FCI DO धनबाद द्वारा जारी वैगन आवंटन पत्र  के तहत 36 वैगनों में PEG  बोकारो साइडिंग के लिए आवंटित किया गया था। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि वैगन नंबर 13023, जो मिसिंग हो गयी . उस वैगन का माल भी गोडाउन में रखवा दिया गया । अब ये बात हम नहीं कह रहे बल्कि रीजनल कमिटी की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट में सामने आयी है ।
जब हमने इस मामले पर डिविसजनल मैनेजर चक्रपाणि सिद्धार्ध से बात की तो उनका कहना है  की छह महीने तक मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी । रेलवे ने जब  हमने इसकी जानकारी दी तो रेलवे को हमने बाकायदा  पत्र लिखा और कहा की हमने  वैगन नंबर NC13023- 30/10/ 2023 को बोकारो साइडिंग से रिसीव कर लिया है तो यह माल किसका है ? हलाकि हमने उसे भी रिसीव कर लिया और FCI  को लाखो का फायदा पहुंचाया है ।
लेकिन सवाल कई है जो की उलझे हुए  है  ?
1-वैगन नंबर 13023 का माल बिना पहुंचे कैसे रिसीव दिखाया गया?
2-इस वजन का 1319 बोरा चावल जिसकी कीमत लगभग 20 लाख है उतना वजन का  चावल  गोडाउन में कहाँ से लेकर डाला  गया और क्या डाला गया ?
3-मिसिंग वैगन की शिकायत रेलवे से तुरंत क्यों  नहीं की गई ?
4-जब वैगन नंबर 13023 30/10/2023 को आया ही नहीं तो क्या यह माल कहीं और से लाकर डंप किया गया?
5-इस गड़बड़झाले में किसकी भूमिका क्या थी?
6-क्या कोलकाता और दिल्ली में बैठे   FCI के उच्च अधिकारियों को इस अनियमितता की जानकारी है ?
7-क्या रीजनल कमिटी की जाँच रिपोर्ट दिल्ली गयी ?
8-क्या  जाँच के बाद पुरे मामले में सिर्फ लीपा – पोती  करने की कोशिश की गयी  ?
9-जबकि FCI  की  डिविज़नल और रीजनल कमिटी की रिपोर्ट में  बड़े घोटाले की बू आई है ।
10-पुरे मामले में कई इत्तेफाक एक साथ हुए है मसलन – कमिटी की रिपोर्ट के मुताबिक 30/10/2023 को जो वैगन नहीं आई है  लेकिन उसे रिसीव दिखाया गया उसमे और जो वैगन 19/03/2024 को NC13023 के नाम से आई उसमे सेम वैगन नंबर है , बोरियां भी सेम है , कोमेडिटी भी सेम है और लेडिंग सेंटर भी सेम है  जो की आम तौर पर पॉसिबल नहीं होता ।
क्या है पूरा मामला?
 
28 अक्टूबर 2023 को छत्तीसगढ़ के सुंडा से बोकारो स्टील सिटी के लिए 41 वैगनों वाली एक मालगाड़ी रवाना हुई थी, जिसमें 36 वैगन चावल से भरे थे और 6 खाली थे। यह मालगाड़ी 31 अक्टूबर 2023 को बोकारो स्टील सिटी पहुंची,  इस दौरान बोकारो रेलवे साइडिंग और  PEG  गोडाउन के इंचार्ज द्वारा 36 वैगन रिसीव कराया गया ।
रेलवे स्टेशन पर चावल रिसीव करने की जिम्मेदारी धनबाद मंडल कार्यालय द्वारा नियुक्त दो प्रबंधकों, राहुल कुमार और अभिषेक कुमार, को सौंपी गई थी। लेकिन लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि वैगन नंबर 13023, जो  साइडिंग पर पहुंचा ही नहीं  उस वजन का माल भी गोडाउन में रखवा दिया गया ।
जल्द ही इस कहानी का अगला अंक….

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