जिस भैरव सिंह से बीजेपी ने किया था किनारा, आज उसे गले लगा रहे हैं बाबूलाल
Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हमले के जिस आरोपी से बीजेपी किनारा कर रही थी, वही बीजेपी आज उसे गले लगा रही है. भैरव सिंह के जेल जाने के बाद बीजेपी ने साफ कह दिया था कि उसका बीजेपी से कोई नाता नहीं है. आज उसी बीजेपी के बड़े लीडर बाबूलाल मरांडी भैरव सिंह को गले लगा रहे हैं. जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद भैरव सिंह ने बाबूलाल मरांडी से मुलाकात की. पूरे उत्साह के साथ बाबूलाल और भैरव के बीच हुए मुलाकात का फोटो वायरल हुआ है. बाबूलाल के अलावा कई और नेताओं से भी भैरव ने मुलाकात की है.
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अपराधियों का हौसला बुलंद करती है बीजेपी- जेएमएम
बाबूलाल और भैरव के मुलाकात पर जेएमएम ने कहा है कि अपराधियों का स्वागत करना बीजेपी का धर्म-कर्म है. आदिवासी मुख्यमंत्री के काफिले पर हमला करने वाले आरोपी से बाबूलाल का हर्षोल्लास भरा मेल-मिलाप झारखंडवासियों के प्रति इनकी हीन भावना को दर्शाता रहा है. उम्र के इस पड़ाव में बाबूलाल निकृष्टता की सारी हदें लांघ चुके हैं. जेएमएम ने कहा कि अपराधियों का हौसला कौन बुलंद करता है यह झारखंडवासियों को मालूम है. जब अपराधियों पर नकेल कसी जाती है तब छाती पीट-पीट कर कौन दहाड़ मार कर रोता है यह भी झारखंडवासियों को मालूम है. झारखंडियों की दुश्मन बीजेपी अपना आदतन धर्म-कर्म करते रहे, जनता सारा हिसाब रख रही है.
4 जनवरी को हुआ था सीएम के काफिले पर हमला
गौरतलब है कि 4 जनवरी को रांची के किशोरगंज चौक पर सीएम के काफिले पर हमला हुआ था. मुख्य आरोपी विश्व हिंदू परिषद का नेता भैरव सिंह बनाया गया था. बीजेपी के भी कई नेता गिरफ्तार किये गये. उस वक्त बीजेपी नेताओं ने गिरफ्तारी का विरोध किया, लेकिन भैरव सिंह के पक्ष में किसी ने कुछ नहीं कहा. 7 जनवरी को जब कोर्ट में भैरव सिंह ने सरेंडर कर दिया तब रांची के विधायक सीपी सिंह ने बयान दिया कि भैरव सिंह का पार्टी से कोई संबंध नहीं है. लिहाज़ा, इस पूरे मामले से भाजपा को जोड़ना सरासर ग़लत होगा.
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क्या भैरव में बीजेपी देख रही फायरब्रांड नेता
बीजेपी हिंदुत्व के मुद्दे पर राजनीति करती है. झारखंड में बीजेपी के पास वैसे ही फायरब्रांड नेताओं का टोटा है. ऐसे में सीएम के काफिले पर हमला जैसे गंभीर आरोप में जेल जाकर आये भैरव सिंह में बीजेपी को काफी उम्मीद नजर आ रही है. यह भी कहा जा रहा है कि भैरव सिंह को जल्द ही पार्टी में शामिल करने की कवायद शुरू हो सकती है औऱ संगठन में महत्वपूर्ण पद भी दिया जा सकता है.
जेल से निकले ही पोस्टर से विवाद में आये भैरव
भैरव सिंह के बाहर आने के बाद उन्हें नेता के तौर पर प्रोजेक्ट करने की पूरी तैयारी की गई थी. हरमू बाइपास में कई जगहों पर भैरव सिंह के स्वागत में होर्डिंग्स लगाये गये थे. इन होर्डिंग्स में मूछों को ताव देते हुए भैरव सिंह का फोटो लगा था, लेकिन यह दांव भैरव सिंह और उसके समर्थकों पर उल्टा पड़ गया। होर्डिंग्स में भैरव सिंह को सरना झंडे औऱ प्रतीक के साथ देखकर आदिवासी समुदाय के लोग आक्रोशित हो गये. अरगोड़ा थाने में FIR हुआ और पोस्टर जब्त किये गये.