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किसानों के हजारों क्विंटल धान हुआ खराब, एफसीआई के अधिकारी की लापरवाही का नतीजा.

गढ़वा : गढ़वा में एफसीआई की मनमानी से किसान परेशान है एफसीआई के अधिकारी जिला के किसी स्तर के अधिकारियों की बात नही मान रहे है हद तो तब हो गई जब मुख्यमंत्री के बातों को भी लोग अनसुना कर दे रहे है। पेयजल मंत्री के द्वारा आयोजित बैठक में भी एफसीआई के अधिकारी नही पहुँचते है, इसे लेकर कार्यवाई करने तक कि चेतावनी दी गई लेकिन अधिकारियों के अंदर कोई डर नही है।

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किसानों के धान, धान क्रय केंद्र पर रखे-रखे सड़ गए उसमे से लेकिन इन किसानों का सुनने वाला कोई नही है। जिले लगभग 14 धान क्रय केंद्र पर एफसीआई धान को खरीद रही है लेकिन पिछले एक माह से धान की खरीदारी बन्द कर दी गई है नतीजा यह है किसान परेशान और आंदोलित है लेकिन उनके आंदोलन का एफसीआई के अधिकारियों पर कोई असर नही पड़ रहा है।

कुछ लोगों द्वारा मुख्यमंत्री को इसे लेकर ट्वीट भी किया। जिसपर मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में निर्देश दिया कि किसी भी सूरत में ऐसी व्यवस्था बर्दास्त नही की जाएगी और तत्काल कार्यवाई करने का निर्देश डीसी को दिया गया। लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री की बातों को भी अधिकारियों द्वारा अनसुना कर दिया गया। मंत्री के बुलावे पर भी बैठकों में धान क्रय केंद्र के अधिकारी लापता रहे और अपने सीनियर अधिकारी की बात भी नही सुन रहे है, नतीजा ये हुआ कि महीनों से रखे धान के बोरे से अब अंकुर निकलने लगे है, मजबूरन किसान अपने रखे धान को घर ले जा रहे है तो कोई अभी भी बिचौलियों के हाथों औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर है।

पूरे झारखंड में गढ़वा ,पलामू और चतरा ही तीन ऐसा जिला है जहां पूरे झारखंड का 35 प्रतिशत धान की पैदावार होती है सिर्फ इन्ही तीन जिलों में एफसीआई धान को खरीदती है बाकी के अन्य जिले में पैक्स के माध्यम से धान की खरीदारी होती है फिर किसानों का यह हाल होना समझ से परे है। इसका फायदा बिचौलियों को मिल रहा है।

गढ़वा, वी के पांडे

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