झारखंड विधानसभा में 1932 आधारित खतियान और ओबीसी आरक्षण विधेयक पास जश्न का माहौल
विजय दत्त पिंटू /1932 khatiyan
झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में दो बेहद महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया गया. इनमे एक है 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को कानून का दर्जा देने और जबकि दूसरा ओबीसी आरक्षण को 14% से 28% करने को लेकर विधेयक पारित किया गया। हालांकि BJP ने कहा की ये छलावा है झारखंड की जनता को मूर्ख बनाया जा रहा है । सरकार चाहती तो संकल्प के जरिये भी स्थानीय नीति ला सकती थी लेकिन इसे नवीं अनुसूची में डाल कर विधेयक लाया गया । कहा जा रहा है की इसके जरिए विधायक को कानूनी अड़चनों से बचाया जाएगा लेकिन भानु प्रताप शाही ने कहा कि जब झारखंड झारखंड हाई कोर्ट के पांच जज ऑल झारखंड के सॉलिसिटर जनरल या नहीं महाधिवक्ता के सामने यह नोट इन हुआ है कि झारखंड अपनी स्थानीय नीति खुद बना सकता है तो ऐसे में इस विधेयक को नौमी सूची में डालने का मकसद क्या है क्या हेमंत सोरेन झारखंड की जनता को गुमराह कर रहे हैं वही इस मसले पर झारखंड के शिक्षा मंत्री ने कहां के हमारा मकसद साफ है हम झारखंड को स्थानीय नीति देना चाहते थे वह भी 1932 के खतियान के आधार पर तो हम लोगों ने दे दिया जनता सब कुछ देखते हैं जनता सब कुछ समझते हैं हम लोग कोई छलावा नहीं करते हैं नौवीं अनुसूची में लाने का मकसद बस यही है कि इस विधेयक को कानूनी अड़चनों से बचाया जाए
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर साधा निशाना
सीएम हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘हम जेल में रहकर भी आपका सूपड़ा साफ कर देंगे’. मुख्यमंत्री ने कहा कि ईडी, सीबीआई और जेल से हम डरने वाले नहीं हैं, उन्होंने कहा शिबू सोरेन ने राज्य दिया और उनके पुत्र ने 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता दी.
मधु कोड़ा ने जताया विरोध
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने 1932 खतियान का विरोध का विरोध किया है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू होने से कोल्हान वासियों को इसका लाभ नहीं मिला पाएगा. पूरे कोल्हान के लोग बेघर हो जाएंगे. मधु कोडा ने कहा कि वे जनता की अदालत में जाएंगे