Ramgarh/ Ranchi: क्या बुढाखाप की महिलाओ का दर्द कोई सुनेगा ? रूंगटा के कंपनी के प्रदुषण से दर्जनों लोग बीमार है लेकिन 22 एकड़ जमीं की पेड़ कटाई करना चाहती है प्रशासन
Ramgarh/ Ranchi: दो करोड से भी अधिक वृक्ष इस वर्ष लगाए जायेंगे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पर्यावरण महोत्सव कार्यक्रम में इसकी घोषणा की। इस दौरान उन्होंने पेड भी लगाए और कहा की इस कार्यक्रम से निकलने वाले हर व्यक्ति अगर एक एक पेड लगाने का काम करता है तो यह पूरा आडोटोरियम जंगल बन जायेगा लेकिन ठहरिये मुख्यमंत्री जी थोडा हमारे साथ रामगढ़ का बुढाखाप इलाका चलिए जहाँ प्रशासन करीब 22 एकड में लगे जंगल को काटने को बेताब है रामगढ में रूंगटा की कंपनी की विस्तारीकरण 22 एकड जंगल खत्म करना चाहती है मुख्यमंत्री कहते है पेड लगाओ तो क्या रामगढ प्रशासन मुख्यमंत्री से ऊपर है क्या रामगढ की बुढाखाप की महिलाओ का दर्द कोई नहीं सुनेगा
छह महीने से हो रहा है आंदोलन
दरअसल छह महीने से अधिक हो गए बुढाखाप की इन महिलाओ के आंदोलन को लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही तभी तो कल जब मुख्यमंत्रीजी आप वन एवं पर्यावरण कार्यक्रम कर रहे थे उसी वक्त सैकडो की संख्या में बुढाखाप से चलकर आई महिलाएं अपने पेडो को बचाने के लिए राज्यपाल से गुहार लगा रही थी लेकिन शायद आंदोलन कर रहे इन महिलाओं का दुख और दर्द हेमंत सोरेन जी आप को दिखाई नहीं दे रहा है तो क्या आपका यह वन एवं पर्यावरण का कार्यक्रम एक छलावा है एक बेमानी है
दर्जनों लोग प्रदुषण की वजह से बीमार हो गए है
कहानी यहीं खत्म नहीं होती है खबर है की बुढाखाप इलाके में दर्जनों लोग रूंगटा के कंपनी से होने वाले प्रदुषण के कारण गंभीर बीमारियों के चपेट में आ गए है , कई की तो बीमारी से मौत भी हो गयी है जिस टीबी रोग का सरकार उन्मूलन करना चाहती है वो बुढाखाप में रूंगटा के कंपनी के होने वाले प्रदुषण से कभी नहीं हो सकता है तभी तो इस महिलाओ ने जंगल बचाने के लिए पेड़ के साथ चिपको आंदोलन तक शुरू किया था। सवाल है क्यों 22 एकड जमीन पर लगे पेडो को काटने के लिए प्रशासन बेकाबू क्यों है जबकि महिलाओं की एक टोली राज्यपाल के पास दस्तक लगाती है की उन पेडो को बचा लीजिए क्यों पैदल मार्च कर रामगढ से पैदल चलकर महिलाएं रांची आती है इसका जवाब क्या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी आप दे सकते है। क्यों रुंगटा जैसे कंपनी को विस्तारीकरण के लिए 22 एकड़ पर लगे पेड़ों को काटने का आदेश दिया गया और वहां दर्जनों लोग जो की प्रदूषण से बीमार हो गए है उस बात को नजरअंदाज कर दिया जा रहा है