Shell Company Case

शेल कंपनी मामला( shell company case ) लंबी बहस के बाद कोर्ट ने अगली तारीख 17 जून तय की , जानिए आज क्या क्या हुआ कोर्ट में ।

झारखंड हाई कोर्ट में आज शेल कंपनी (   shell company case )  मामले में सुनवाई हुई सुनवाई के बाद अगली तारीख 17 जून तय की गई है।  अदालत में महाधिवक्ता ने दलील दी कि पिछले दिनों इस मामले में जो शेल कंपनी के मेंटेबलिटी पर जो ऑर्डर आया है उसके खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर रही हैं इसलिए इस सुनवाई को टाल दी जाए। वहीं चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पहले भी यह मामला जा चुका है. जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह झारखंड हाईकोर्ट तय करें कि यह मामला सुनने योग्य है या नहीं. जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस याचिका को सुनने योग्य करार दिया है. चीफ जस्टिस ने इस याचिका में सुनवाई आगे बढ़ाने को कहा. जिसपर AG ने कहा कि 4290/21 में हमलोग सुप्रीम कोर्ट जायेंगे. वहीं CJ ने कहा कि आप पहले 4290/21 में जायेंगे, फिर 727/22 में जायेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मामले में आदेश जारी कर चुका है.

वहीं इस मामले में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने मौखिक तौर पर कहा कि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला है तो करप्शन से इनकार कैसे करें
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि इस मामले में चुनाव आयोग ने कहा है कि मामला हाईकोर्ट में लंबित है. इस लिए मामले में जल्द से जल्द सुनवाई करनी चाहिए. अगर 727/22 में कोई आपत्ति नहीं है तो आगे बढ़ने में क्या परेशानी है. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आपने अबतक निलंबित पूजा सिंघल पर एफआइआर क्यू नहीं किया था. ईडी की कार्रवाई के बाद मनरेगा घोटाला का पैसा निकला तब आपको याद आया. .

चीफ जस्टिस ने महाधिक्ता से कहा कि AG साहब हम आपको सुनना चाहते है. आप एक घंटा से समय ही मांग कर रहे है आगे बढ़े. जिसपर महाधिवक्ता ने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के आने तक समय दें.
राजीव कुमार ने कोर्ट में फिर से एक दागी अफ़सर का हलफ़नामा दायर किया है. जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि आपलोग के पास साफ़ छवि के कोई अफसर नहीं है क्या. सरकार ने एक आइए फ़ाइल किया है जिमसें कहा की आप 727/22 में सुनवाई ना करें गौरतलब है कि सुनवाई के बाद कोर्ट ने अगली तारीख 17 जून तय की है एजीके आग्रह के बाद के सरकार इस मामले में एसएलपी दायर कर रही है तो कोर्ट ने अगली तिथि 17 जून तय की है तब तक हो सकता है सुप्रीम कोर्ट से SLP पर कोई फैसला आ जाए

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